Datia news : दतिया । शहर बुधवार को रंग, संगीत और उमंग से भर गया जब किन्नर समाज का भव्य चल समारोह शहर की गलियों से नाचते-गाते आगे बढ़ा। अखिल भारतीय किन्नर महा सम्मेलन के तहत आयोजित इस शोभायात्रा ने पूरे शहर को उत्सव के माहौल में डुबो दिया।
देशभर से पहुंचे किन्नरों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा, झूमते कदमों और गीत-संगीत से ऐसा नज़ारा प्रस्तुत किया कि देखने वाले भी थिरकने पर मजबूर हो गए।
चल समारोह रामजी वाटिका से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए किला चौक तक पहुंचा। बग्गियों पर सवार किन्नर फूलों से सजे झांकियों के साथ नाचते और गीत गाते हुए आगे बढ़ रहे थे। कई किन्नरों ने सिर पर चांदी कलश रखकर धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक प्रस्तुत किया।
सड़कों के दोनों ओर खड़े लोगों ने पुष्पवर्षा कर इस उत्सव का हिस्सा बनकर किन्नर समाज का सम्मान किया। जगह-जगह व्यापारी वर्ग और स्थानीय नागरिकों ने जलपान की व्यवस्था कर किन्नर समाज के प्रति सद्भाव और सम्मान का संदेश दिया।
किला चौक पहुंचने पर पारंपरिक तुलादान की रस्म भी संपन्न हुई। इस दौरान पूरा चौक तालियों और जयघोष से गूंज उठा। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी इस अनोखे और रंगीन नज़ारे को देखने के लिए उमड़ पड़े। डीजे की लयबद्ध धुनों पर थिरकते किन्नरों की टोली ने हर किसी का मन मोह लिया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना रहा।
जानकारी के अनुसार, यह आयोजन 22 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन का हिस्सा है, जो दतिया की रामजी वाटिका में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों किन्नर गुरु और उनके चेले भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य किन्नर समाज की सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण, सामाजिक एकता का संदेश और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है।
महासम्मेलन में पहुंचते हैं वरिष्ठ गुरु : हर वर्ष आयोजित होने वाला यह सम्मेलन किन्नर समाज के लिए धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसमें समाज के वरिष्ठ गुरु एकत्र होकर पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए समाज के कल्याण और एकता के संदेश का प्रसार करते हैं। इस अवसर पर दतिया शहर किन्नर समाज के उल्लास और भक्ति के रंगों में रंगा नजर आया।


