Datia News : दतिया। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए कलेक्टर स्वप्निल वानखडे पूरी तरह सतर्क हैं। इसके लिए वह लगातार जिला अस्पताल सहित अन्य अंचल के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण भी लगातार कर चुके हैं। सरकारी अस्पतालों में प्रसव के आंकड़ों में आ रही कमी को लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई है।
कलेक्टर वानखडे ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्ष करते हुए गैर संस्थागत प्रसव के आंकडे अधिक होने पर नाराजगी व्यक्त की।
उन्होंने कहाकि शासन एवं हमारा प्रयास यह रहे कि आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ शत प्रतिशत मिल सके। इसके लिए हमें निरंतर कार्य करते रहना है।
आज के बाद से जिले में एक भी गैर संस्थागत प्रसव पाया गया तो सीएमएचओ, सिविल सर्जन, डीपीओ, सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा कार्यकर्ता पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह राशि रोगी कल्याण समिति में जमा कराई जाएगी।
मेरे ऊपर भी लगाएं जुर्माना : कलेक्टर ने कहाकि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में कोई कमी आती है तो मैं भी इसका जिम्मेदार हूं। इसलिए मेरे स्वयं के ऊपर एवं अनुविभागीय अधिकारी पर भी जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा।
उन्होंने कहाकि यदि गैर संस्थागत प्रसव के दौरान किसी नवजात की मृत्यु होती है तो सभी संबंधित अधिकारियों पर पांच हजार रुपये की राशि जुर्माना के रूप में लगाई जाएगी।
पोषण किट देने की सौंपी जिम्मेदारी : सोमवार को इसे लेकर कलेक्टर वानखडे ने सभी अधिकारियों से निक्षय मित्र बनकर क्षय रोग पीड़ितों को पोषण किट प्रदान करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि अनेकों ऐसे रोगी है जो पैसो की तंगी के कारण पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त नहीं कर पाते है। इसके लिए आप उनके मददगार बन 6 माह तक पोषण किट उन्हें प्रदान कर सकते हैं।