Datia news : दतिया। नाबालिग की शादी कर रहे परिवार की जिद पर अंकुश लगाने के लिए कोर्ट को कार्रवाई करनी पड़ी। जिसके बाद इस शादी पर स्टे आर्डर दिया गया। तब जाकर शादी रुकवाई जा सकी। मामला ग्राम खिरियानाई का है। जहां एक नाबालिग किशोरी का विवाह रचाया जा रहा था। जिसकी खबर प्रशासनिक अमले को लगी तो अधिकारी हरकत आए।
उनाव थाना क्षेत्र के ग्राम खिरियानाई निवासी भगवानदास अहिरवार द्वारा अपनी नाबालिग बेटी के बाल विवाह करने की शिकायत 22 मई को महिला एवं बाल विकास विभाग को गोपनीय रुप से प्राप्त हुई।
जिसमें ग्राम खिरियानाई थाना उनाव में एक 16 वर्षीय बालिका का विवाह माता पिता द्वारा 28 मई को ग्राम खिरियानाई में घर से ही किए जाने की जानकारी दी गई थी।
उक्त सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम शिकायत की जांच के लिए ग्राम खिरियानाई भेजी गई। जहां शिकायत के आधार पर बालिका के स्वजन से दस्तावेज मांगे गए।
जिस पर स्वजन द्वारा मार्कशीट दिखाई गई। जिसमें बालिका के पिता द्वारा जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर 6 मई 2007 कर उसे 18 वर्ष की आयु वाली मार्कशीट बना दिया। जिसको परियोजना अधिकारी द्वारा समझ लिया गया।

जब परियोजना अधिकारी द्वारा पिता से प्राप्त ओवर राइटिंग की अंकसूची की जांच विद्यालय के प्रवेश रिकार्ड रजिस्टर पंजी एवं विद्यालय से प्राप्त प्रमाणीकरण से मिलाया गया तो पता चला कि किशोरी की जन्म तिथि 6 मई 2007 न होकर 6 मई 2009 है। जिसे पिता द्वारा ओवरराइटिंग कर अधिकारियों को गुमराह किया गया।
अधिकारियों को रिश्तेदारों ने दी धमकी : विभाग के अधिकारीयों द्वारा माता-पिता व स्वजन को बालिका का विवाह नाबालिग उम्र में न करने की समझाईश दी गई तो बालिका के माता पिता व रिश्तेदारों ने अधिकारियों को धमकाने का प्रयास किया गया। उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करने की धमकी देने लगे व विवाह रोकने पर राजी न होते हुए किसी भी प्रकार से लिखित आश्वासन देने से इंकार कर दिया। पिता विवाह की तैयारी में लग गए।
कोर्ट को स्टे देकर रुकवानी पड़ी शादी : उक्त मामले के कार्रवाई की विवरण रिपोर्ट जिला विधिक सेवा प्रधिकरण से सचिव न्यायाधीश निधी मोदिता पिंटो को भेजी गई।
जिनके सहयोग से 27 मई को जिला न्यायालय में ज्योति कुवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष परिवाद दायर कर बाल विवह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 13 के अंतगर्त विवाह पर रोक लगवाए जाने के लिए स्टे जारी करने की अपील की गई।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दतिया द्वारा तत्काल सुनवाई करते हुए बालिका के विवाह पर रोक लगाने का इन्जंक्सन आर्डर जारी कर बालिका के विवाह को 16 वर्ष 22 दिन में करवाए जाने पर रोक लगाकर स्टे आर्डर जारी कर पुलिस को विवाह रोकने के निर्देश दिए गए।