Bihar Patna News : पटना । तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच की तनातनी अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। दोनों भाईयों की अापसी लड़ाई ने राजद की छवि पर भी असर डाला है। ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अब खुद अपने परिवार के झगड़े सुलझाएंगे। दोनों पुत्रों (तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव) से उनकी बातचीत हो चुकी है।
दोनों सहमत हैं कि सुप्रीमो के फैसले का सम्मान करेंगे। फैसला सुनाने से पहले दोनों को कहा गया है कि वे एक-दूसरे को चुभने वाली बातों से परहेज करें। इसका असर दिख रहा है। तेजप्रताप तीन दिनों से इंटरनेट मीडिया पर खामोश रहे। बुधवार को वह हाजिर हुए तो उनकी टिप्पणी में किसी को ठेस पहुंचाने वाले शब्द नहीं हैं।
उन्होंने फेसबुक पर मंडल आयोग के प्रणेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल को उनके जन्मदिन पर नमन किया। पांडवों की तरह पांच गांव की मांग के साथ तेजप्रताप रक्षाबंधन के दिन दिल्ली में थे। इससे पहले वह बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद को शिशुपाल और तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव को दुर्योधन बता चुके थे।
तेजप्रताप को उम्मीद थी कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने दोनों पुत्रों को आमने-सामने बिठाकर सुलह करा देंगे। यह नहीं हुआ। खबर है कि आमने-सामने बैठने का प्रस्ताव तेजस्वी को मंजूर नहीं था। लिहाजा दोनों भाई छह घंटे के अंतराल पर सांसद मीसा भारती के आवास पर पहुंचे। लालू प्रसाद भी इसी आवास में रहते हैं।
पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी यादव ने दो टूक कहा कि तेजप्रताप को नहीं रोका गया तो पार्टी की छवि खराब हो जाएगी। पार्टी के प्रति आम लोगों की राय जो विधानसभा चुनाव में सुधरी थी, इनकी हरकतों से बिगड़ जाएगी।
सुधरी छवि का लाभ राजद और सहयोगी दलों को चुनाव में मिला, मगर तेजप्रताप आम लोगों को उन दिनों की याद दिला रहे हैं, जिसकी चर्चा करके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल आज भी वोट बटोर ले जाते हैं।
उधर तेजप्रताप का कहना था कि उन्हें छात्र संगठन की जिम्मेदारी दी गई थी, वह भी छीन ली गई। पार्टी में उनकी हैसियत आम विधायकों की हो गई है। सूत्रों का कहना है कि लालू प्रसाद ने तेजप्रताप के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई।
संभव है कि लालू प्रसाद दोनों भाइयों के कार्यक्षेत्र का बंटवारा कर दें। यह हुआ तो तेजप्रताप को राष्ट्रीय संगठन में कोई पद दे दिया जाएगा। उन्हें किसी ऐसे राज्य का प्रभारी बना दिया जाएगा, जहां की गतिविधियों से बिहार संगठन पर कोई प्रभाव न पड़े।
राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद लालू प्रसाद हैं। अगर वह शांत रहने का वचन दें तो राज्य संगठन में भी कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है, लेकिन इतना तय है कि दल में बने रहने के लिए तेजप्रताप को अपना मौजूदा रवैया बदलना पड़ेगा। उनकी शर्त पर लालू परिवार तेजस्वी की संभावना को खत्म नहीं होने देगा।
तेजप्रताप इन दिनों वृंदावन में डेरा डाले हुए हैं। बुधवार शाम तेज प्रताप यादव चैतन्य बिहार स्थित गुरु बल्लभ महाराज के पास पहुंचे। बल्लभ महाराज ने तेजप्रताप का स्वागत किया और आशीर्वाद दिया। तेजप्रताप अक्सर वृंदावन आते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले आध्यात्मिक यात्रा पर आए तेज प्रताप ने मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी। पीतांबर धारण किए वह भक्ति भाव में डूबे नजर आए। गुरु बल्लभ महाराज के साथ उन्होंने करीब साढ़े चार घंटे बिताए। अब वह ब्रज की गोशालाओं में गो-पूजन के साथ भगवान श्रीकृष्ण की प्राचीन लीलास्थलियों का भ्रमण करेंगे।