Datia news : दतिया। पत्नी के साथ मिलकर एक ड्राइवर ने अपने ही मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में उसका एक अन्य साथी भी शामिल था। मालिक ने चालक की पत्नी के नाम पर एक मकान भी खरीदा था। जिसमें वह निवासरत था। इसी मकान में जब मालिक के भतीजा मिलने आया तो ड्राइवर ने विरोध किया और उसे गोली मार दी। इस घटना में दोषी पाए जाने पर ड्राइवर, उसकी पत्नी और एक अन्य साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
झांसी रोड स्थित न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी में हुए राधेश्याम तिवारी हत्याकांड के तीन आरोपितों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस संबंध में अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर ने बताया कि 11 दिसंबर 2015 को घटित हुई इस वारदात के दौरान उप निरीक्षक राजेश सातनकर मौके पर पहुंचे तो राधेश्याम तिवारी के मकान पर मौजूद फरियादी राजवीर तिवारी ने पुलिस को जानकारी दी कि मृतक राधेश्याम तिवारी उसके चाचा थे। उन्होंने अपना मकान आरोपित कोकसिंह की पत्नी मुन्नी ऊर्फ कमलेश के नाम से लिया था। कोकसिंह मृतक राधेश्याम द्वारा खरीदे गए ट्रक पर ड्राइवरी का काम करता था। वह अक्सर भाड़े का पैसे भी हड़प जाता था।
घटना दिनांक को रात के साढ़े नौ बजे जब राजवीर और दीपू अपने चाचा राधेश्याम तिवारी के घर पर थे, तब कोकसिंह उन्हें भागने लगा। जिसका राधेश्याम तिवारी ने विरोध किया तो गुस्से में कोकसिंह ने जान से मारने की नीयत से 315 बोर के लोडेड कट्टा से राधेश्याम पर फायर कर दिया।
गोली राधेश्याम के सीने में लगी और मौके पर उनकी मौत हो गई। फरियादी राजवीर एवं दीपू जब जान बचाकर भागे तो उन पर एक अन्य आरोपित मनोज ने कट्टे से फायर किया जो दरवाजे में लगा। फरियादी राजवीर की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली ने हत्या और हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच में लिया।
इस दौरान आरोपित मनोज सिकरवार का एसडीओपी जांच के दौरान नाम अपराध से पृथक कर दिया गया था। आरोपित कोक सिंह एवं मुन्नी ऊर्फ कमलेश के विरुद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
लगभग नौ वर्ष चले विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से 11 साक्षियों को प्रस्तुत किया गया। फरियादी द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन के आधार पर आरोपित मनोज को भी प्रकरण में न्यायालय द्वारा दोबारा आरोपित बनाया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर ने पैरवी की।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं बहस के आधार पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उत्सव चतुर्वेदी न्यायालय द्वारा आरोपित कोक सिंह, मनोज एवं मुन्नी को मृतक राधेश्याम तिवारी की साजिश कर हत्या करने एवं जान से मारने एवं फरियादी राजवीर एवं दीपू पर जानलेवा हमला करने का आरोप सिद्ध होने पर दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।