महाकुंभ की भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को मिलेंगे 25-25 लाख : योगी ने की घोषणा, बोले मामले की होगी न्यायिक जांच

Prayagraj Mahakumbh : प्रयागराज । मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुई भगदड़ के कारण करीब 30 लोगों की मौत हो गई। जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल बताए जाते हैं। इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है। वहीं उप्र के मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है।

मेला प्रशासन ने भगदड़ के करीब 17 घंटे बाद बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया है। इस प्रेस कांफ्रेंस में डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की रात एक से दो बजे के बीच बहुत भीड़ हो गई थी। कुछ श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर ब्रम्ह मुहूर्त में अमृत स्नान के लिए संगम तट पर ही सोए हुए थे। मेले में बैरिकेड्स लगे हैं।

ऐसे में भीड़ बढ़ जाने से घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालु इस अफरातफरी में कुचलकर घायल हो गए, उनमें से कुछ की मौत हो गई।

वहीं इस मामले में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस घटना पर भावुक होते हुए जानकारी दी कि महाकुंभ में भगदड़ की घटना दुखद है। योगी सरकार ने महाकुंभ भगदड़ में मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। इसके साथ ही महाकुंभ भगदड़ की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहाकि प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन, एपडीआरएफ, एसडीआरएफ और भी अन्य जितने भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है।

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पहली बार अखाड़ों ने श्रद्धालुओं के बाद किया स्नान : संगम के तट पर करोड़ों श्रद्धालु मौनी अमावस्या के अवसर पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे।
इस अवसर पर भारतीयों के साथ-साथ भारी संख्या में विदेशियों ने भी त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान किया । यह पहला मौका था जब साधु-संतों, नागा संन्यासी और अखाड़ों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ दी।

भगदड़ के बाद परिस्थिति को देखते हुए अखाड़ों ने अपने ब्रह्म मुहूर्त के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया और श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना था कि सर्व सम्मति से सभी अखाड़ों ने निर्णय लिया कि हालात को देखते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान का अवसर दिया जाय। स्थिति सामान्य होने पर अखाड़ों ने अपनी भव्य अमृत स्नान की परम्परा का त्याग कर दिया और सांकेतिक रूप से स्नान कर परम्परा का निर्वहन किया।

तीन पीठों के शंकराचार्याें ने भी लगाई संगम में डुबकी :  प्रयागराज महाकुम्भ के दूसरे अमृत स्नान में मौनी अमावस्या पर देश के तीन पीठों के शंकराचार्यों ने भी त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाई।

शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की। श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठाधीश्वर

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मौनी अमावस्या अमृत स्नान पर्व पर त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। तीनों पीठ के शंकराचार्य मोटर बोट के माध्यम से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां पूरे धार्मिक विधि विधान से तीनों ने पुण्य की डुबकी लगाई और देश की जनता के कल्याण के लिए आशीष दिया।

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