कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष की कलेक्टर-एसपी से हुई तकरार, कलेक्टर बाेले एफआईआर तो होगी

दतिया । कलेक्टर संजय कुमार व पुलिस अधीक्षक अमनसिंह राठौड कोरोना कर्फ्यू में किला चौक का राउंड ले रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष नाहरसिंह यादव एक कोरोना संक्रमित मरीज को खुली जेल से छोड़ने की मांग लेकर उनके पास पहुंच गए, जिस पर उनकी तकरार हो गई। मजेदार बात यह है कि इसी कोरोना संक्रमित परिवार के व्यक्ति की बाहर घूमने को लेकर पहले नाहर सिंह यादव ने ही प्रशासन से शिकायत भी की थी।

इस पर कलेक्टर ने कहाकि आपने ही पहले उसकी शिकायत की थी, फिर अब उसे छुड़वाने आ रहे हैं। अब उस पर एफआइआर की जाएगी। बताया जाता है कि नाहरसिंह यादव, कांग्रेसी नेता अन्नू दुबे जो कि कोरोना संक्रमित परिवार से थे और उन्हें बग्गीखाने स्थित खुली जेल में भेजने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि वह कोरोना संक्रमित परिवार से है, ऐसे में वह अन्य लोगों के साथ रहेगा तो संक्रमण ज्यादा फैला सकता है।

बताया जाता है कि बुधवार सुबह 11 बजे के लगभग बग्गी खाना स्थित खुली जेल में कांग्रेस नेता अन्नू दुबे को सड़क पर बेवजह घूमने को लेकर बंद कर दिया गया था। स्थानीय बग्गी खाने में बनाई गई खुली जेल में अन्य कई लोग भी थे। इसी दौरान वहां पहुंचे कांग्रेस पूर्व जिला अध्यक्ष नाहरसिंह यादव ने बताया कि वह व्यक्ति कोरोना पाजीटिव परिवार से है। इसे आप अन्य लोगों के साथ कैसे रख सकते हैं? इस पर कलेक्टर संजय कुमार ने भी उनसे कहाकि यदि कोरोना पाजिटिव है और सड़कों पर घूम रहा है तो उसके खिलाफ तो एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। इस दौरान लंबी बहस होने लग गई।

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इस संदर्भ में पूर्व जिलाध्यक्ष नाहरसिंह यादव ने बताया कि मैं तो सिर्फ यह बताने गया था कि अन्नू दुबे का परिवार संक्रमित है ऐसे में उसे खुली जेल में रखा जाना ठीक नहीं है। इससे अन्य लोग भी संक्रमित हो जाएंगे, मगर प्रशासन ने उसके बाद भी नहीं सुनी और उसे खुली जेल में रख दिया। इस दौरान एसपी राठौर ने कांग्रेस के अन्नू दुबे को निकाल कर कंटेंटमेंट में जोन उसके निवास स्थान पर भेजा। यह बहस इतनी बढ़ गई कि वहां काफी लोग एकत्रित हो गए।

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