सरपंची की फिर जगी आस : पंचायत चुनाव की बढ़ी सरगर्मी, जिले में दूसरे चरण में होंगे चुनाव, ये हो सकती है आरक्षण की तस्वीर
PANCHAYAT CHUNAV, ELECTION , MP

Datia News : दतिया। पंचायत चुनाव की सरगर्मी सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण संबंधी आदेश के बाद एकदम बढ़ गई। बुधवार को जैसे ही लोगों को सुप्रीम कोर्ट के पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ करने संबंधी आदेश के बारे में खबर लगी वैसे ही ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति गरमा गई। एक तरफ जहां कांग्रेस और भाजपा नेता ओबीसी आरक्षण को लेकर अपनी सफलता का श्रेय लूटने में लग गए।

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंची का सपना संजोए बैठे लोग फिर से गुणा भाग करने में जुट गए। अब आरक्षण प्रक्रिया को लेकर फिर से संशय की स्थिति बन गई है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर नए निर्देशों का पालन करने की बात कही है।

दतिया में दूसरे चरण में होंगे चुनाव : ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक फिर से सरपंची का सपना देख रहे उम्मीदवारों की आस जगा उठी है। तीन स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चरण वार चुनाव कराए जाने की जानकारी जारी कर दी है।

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जिसके मुताबिक दतिया जिले में यह चुनाव िद्वतीय चरण में संपन्न कराए जाएंगे। जिसके तहत दतिया, सेवढ़ा एवं भांडेर में एक ही चरण में चुनाव होंगे। पूर्व में रद्द कर दी गई पंचायत चुनाव प्रक्रिया को लेकर मायूस चल रहे उम्मीदवारों ने फिर से सक्रियता बढ़ा दी है।

इस तरह आरक्षित हो सकेंगी सीटें : राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। जिसमें पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच एवं पंच के चुनाव मतपेटी व मतपत्र से कराए जाएंगे। इसके लिए शीघ्र तैयारी कर लेने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

जिसके बाद से जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार के पुनर्विचार आवेदन पर सुनवाई करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा किए गए ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट को मान्य किया है। फैसले के मुताबिक आरक्षण किसी भी सूरत में पचास प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

अब नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव में ओबीसी के लिए जनसंख्या के हिसाब से अधिकतम 35 प्रतिशत सीट 50 प्रतिशत के आरक्षण की सीमा में रहते हुए आरक्षित की जा सकेंगी।

आरक्षण की प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर करने के आदेश राज्य सरकार को दिए गए हैं। पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होते ही ग्रामीण राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। वहीं भाजपा और कांग्रेस नेता भी ओबीसी आरक्षण मिलने को लेकर श्रेय बटोरने में लग गए हैं।

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