Datia news : दतिया। दतिया और भांडेर में एक ही दिन में हुई दो हत्याओं के आरोपितों को पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया। दतिया में हुई घटना के आरोपित सपा पहाड़ के पास से पकड़े गए। जबकि भांडेर हत्याकांड के आरोपित एक गौशाला में छुपे मिले।
रविवार सुबह शहर के राजघाट तिराहा पर युवक नरेश पाल की पत्थर से कुचलकर हत्या के मामले में नामजद आरोपित ठाकुरदास कुशवाह एवं जितेंद्र पाल खत्री को कोतवाली पुलिस ने सपा पहाड़ के पास बने पार्क से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त एक सरिया भी जप्त किया गया है।
टीआई विजयसिंह तोमर ने बताया कि रविवार को आपसी विवाद के चलते मारपीट के दौरान नरेश पाल की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले के दोनों आरोपित पुलिस गिरफ्त में आ गए हैं। आरोपितों ने भी घटना का कारण आपसी विवाद होना बताया है।
गौशाला में छुपे मिले बदमाश : रविवार को लहार रोड पर सैलून की दुकान के बाहर खड़े युवक आशिक यादव पुत्र प्रमोद निवासी पथर्रानारायण की हत्या करने के मामले में नामजद चार आरोपितों में से दो आरोपित अभिषेक यादव तथा देवेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक आरोपितों की गिरफ्तारी अजीतपुरा के पास बनी गौशाला से की गई, जहां ये छिपे हुए थे। शेष दो आरोपित अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। लेकिन पुलिस को उम्मीद है कि जल्दी ही इन दोनों की गिरफ्तारी भी हो जाएगी। दो फरार आरोपितों में गोली मारने वाला मुख्य आरोपित अभय यादव तथा उसका पिता लाखन शामिल है।

घटना के पहले भी हुआ था विवाद : मामले की जानकारी देते हुए एसडीओपी भांडेर कर्णिक श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड की जो वजह सामने आई है। उसके अनुसार, मृतक आशिक द्वारा अभय को उसके घर जाकर गाली गलौच करना बताया जाता है। मृतक की यह हरकत अभय को नागवार गुजरी और उसने इस बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। मृतक और मुख्य आरोपित एक ही पारिवारिक कुनबे से थे।
आरोपित ने घर के सामने की थी फायरिंग : इस मामले में जब मृतक आशिक के बड़े भाई आशीष से घटना के पीछे की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि पांच-छह दिन पहले घटना के मुख्यारोपित अभय यादव द्वारा आशिक के घर के बाहर गाली गलौज करते हुए कट्टे से फायर भी किए गए थे।
उस समय मृतक के परिवार के सदस्यों ने अभय के स्वजन से इसकी शिकायत करते हुए मामले को रफादफा कर दिया था। लेकिन तब यह नहीं पता था कि वह आगे जाकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देगा।
अगर उसी वक्त पुलिस को इसकी सूचना दे दी जाती तो शायद यह घटना टल भी सकती थी। मृतक आशिक तीन भाई-बहिनों में सबसे छोटा था।