Datia news : दतिया। दवा कारोबारी की हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा कर दिया। घटना में चौंकाने वाली बात यह रही कि जो कर्मचारी पिछले सात साल से कारोबारी के साथ काम कर रहे थे उन्होंने ने ही घटना को अंजाम दिया। अभी फिलहाल पुलिस के हाथ सिर्फ दो ही आरोपित आ सके हैं।
जबकि तीन अन्य आरोपित अभी फरार है। पकड़े गए दोनों कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 15 दिन से दवा कारोबारी को लूटने की फिराक में थे। लेकिन उन्हें मौका नौ जून रविवार को मिला। जिसमें वह असफल रहे।
मंगलवार को इस मामले का खुलासा पुलिस कंट्रोल रुम में एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने किया। इस दौरान एएसपी सुनील शिवहरे, एसडीओपी सेवढ़ा अखिलेशपुरी, भांडेर एसडीओपी कर्णिक श्रीवास्तव, इंदरगढ़ टीआई उपेंद्र दुबे सहित एसआईटी टीम के सदस्य मौजूद रहे।
एसपी मिश्रा ने बताया कि दवा कारोबारी अग्रवाल के यहां पिछले चार वर्ष से काम करने वाले बृजेश प्रजापति निवासी दतिया एवं सात वर्ष से कार्यरत दीपक कुशवाह ने मिलकर इस लूट की योजना बनाई थी। लेकिन वह स्वयं दवा कारोबारी के यहां काम करते थे, इसलिए पुलिस के संदेह से बचने के लिए उन्होंने दीपक कुशवाह के रिश्तेदार बंटी कुशवाह व नंदू कुशवाह निवासीगण दतिया सहित एक अन्य को साथ में लिया। जिसके बाद घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने दो प्रमुख आरोपित बृजेश प्रजापति एवं दीपक कुशवाह निवासी दतिया को गिरफ्तार कर लिया है।
गत नौ जून को इंदरगढ़ कस्बे में बावरी सरकार मंदिर के पास दवा कारोबारी घनश्याम दास अग्रवाल पर तीन अज्ञात बाइक सवार बदमाश गोली चलाकर भाग गए थे। उक्त घटना में घायल घनश्याम दास की उपचार के लिए ग्वालियर ले जाते समय मृत्यु हो गई थी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए आईजी चंबल जोन सुशांत सक्सेना भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने अज्ञात आरोपितों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। दवा कारोबारी के निवास दतिया से घटना स्थल इंदरगढ़ तक के लगभग 200 से अधिक कैमरों का फुटेज पुलिस ने खंगाला।
इस दौरान वैष्णो मेडीकल स्टोर इंदरगढ़ के फुटेज में अज्ञात हमलावरों के फुटेज प्राप्त हुए। उक्त फुटेज में दवा कारोबारी के यहां चार वर्ष से कार्य करने वाले व घटना के समय मौजूद कर्मचारी बृजेश प्रजापति द्वारा अज्ञात हमलावरों से इशारों में बातचीत करने के प्रारंभिक साक्ष्य मिले। उक्त आधार पर बृजेश प्रजापति को संदेह के तौर पर पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछतांछ की गई।
कर्मचारी ही निकले मास्टर माइंड : संदेही बृजेश प्रजापति ने पुलिस को बताया कि मृतक के यहां सात वर्ष से कार्य करने वाले दीपक कुशवाह के साथ मिलकर उसने मृतक को 15 दिवस पूर्व ही लूटने की योजना बनाई थी। प्रारंभ में बृजेश प्रजापति एवं दीपक कुशवाह ने स्वयं ही मृतक को लूटने की योजना बनाई थी।
लेकिन साथ में काम करने से पुलिस द्वारा तत्काल संदेह होने के कारण स्वयं उक्त घटना को घटित न कर उन्होंने दीपक कुशवाह के रिश्तेदार बंटी कुशवाह एवं नंदू कुशवाह को साथ लिया और उक्त घटना को घटित करने की एक दिवस पूर्व योजना बना ली।
जिसके बाद दवा कारोबारी के यहां कार्य करने वाला दीपक कुशवाह, घटना वाले दिन आरोपितों से मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पर्क में बना रहा। पुलिस को संदेह न हो इस कारण मृतक के साथ घटना दिनांक को इंदरगढ़ तक बृजेश प्रजापति साथ गया।