Datia news : दतिया। प्यार में बेवफाई करने वाले प्रेमी ने अपनी प्रेमिका का गला दबाकर उसे कब्र में दफना दिया। इस दर्दनाक घटना को अंजाम देने के बाद कातिल प्रेमी सात दिनों तक उसी कस्बे में खुलेआम घूमता रहा। आसपास के लोगों को यह एहसास भी नहीं हुआ कि युवती की जान लेने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके पड़ौस में रहने वाला युवक है। लेकिन जब मृतका के स्वजन ने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन युवती के साथ आरोपित भी था। तब पुलिस ने उसके मोबाइल की कोल डिटेल और सीडीआर निकलवाई।
जिसमें पता चला कि आरोपित युवक से मृतका की आखिरी बार बात हुई थी। इस शक के आधार पर जब आरोपित युवक को पुलिस ने पकड़कर सख्ती से पूछतांछ की तो उसने सच उगल दिया।

घटना ग्राम भगुवापुरा की है। जहां शादी के लिए दबाब बना रही प्रेमिका को उसके प्रेमी ने तंग आकर पहले अगुवा किया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आराेपित ने शव को एक तालाबनुमा गड्ढे में फैंक दिया, लेकिन राज खुल जाने के डर से उसने अगले दिन शव को वहां से निकाला और गांव के ही कब्रिस्तान में दफना दिया।

वहीं भगुवापुरा के दसपटी मोहल्ला निवासी शंकर राजपूत को भी पीआर पर लेकर फिर से पूछतांछ करने की पुलिस अधिकारियों ने बात कही है। ताकि पूरा सच सामने आ सके।
घटना के संबंध में भगुवापुरा थाना प्रभारी शाकिर अली ने बताया कि 23 वर्षीय युवती साक्षी शर्मा पुत्री नरेंद्र शर्मा का गांव के ही युवक शंकर राजपूत से पिछले दो वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पत्नी के छोड़कर जाने के कारण शंकर पिछले कुछ साल से अकेले ही गांव में रहता था। इसी बीच उसका संपर्क साक्षी से हो गया।
साक्षी, शंकर पर शादी के लिए दबाब बना रही थी। लेकिन वह शादीशुदा होने के कारण उससे शादी के लिए तैयार नहीं था। इस बात से नाराज शंकर ने गत 13 फरवरी को फाेन कर साक्षी को मिलने बुलाया।
जहां उसने शादी के लिए दबाब बनाया। लेकिन युवती नहीं मानी तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। अपने अपराध को छुपाने के लिए शंकर गांव के कब्रिस्तान के पास ही बने पानी भरे गड्ढे में युवती का शव फैंककर वहां से चला आया।
लेकिन अगले दिन सुबह शव से दुर्गंध आने के डर के चलते आरोपित फिर घटनास्थल पहुंचा और तालाबनुमा गड्ढे से शव को निकालकर उसने वहां पास ही बने कब्रिस्तान में डेढ़ फिट गहरा गड्ढा खोदा और शव को वहां बनी एक कब्र के पास दफनाया। ताकि किसी को युवती की मौत की भनक न लगे।
पत्नी छोड़कर गई तो फिर प्रेमिका के पास पहुंचा : जानकारी के मुताबिक आरोपित शंकर राजपूत पांच साल पहले साक्षी के घर के पास जूते की दुकान पर काम करता था। इसी दौरान दोनों के बीच संपर्क हो गया।
जब इस बारे में स्वजन को पता लगा तो उन्होंने साक्षी को समझाया। जिसके बाद इनके बीच बातचीत बंद हो गई थी। इस दौरान शंकर की शादी हो गई। कुछ दिन बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई।
इसके बाद शंकर और साक्षी फिर संपर्क में आ गए। साक्षी कपड़े सिलाई का काम भी करती थी। घटना वाले दिन वह घर से यह कहकर निकली थी कि चाचा के यहां से ब्लाउज लेने जा रही है। लेकिन कुछ देर बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। जब वह घर नहीं लौटी तो पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।