नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अफ्रीका के बीच व्यापार और निवेश समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया है। आज भारत-अफ्रीका विकास साझेदारी पर 17वें सीआईआई एक्ज़िम बैंक कॉन्क्लेव में विशेष मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए,
गोयल ने कहा कि आगे चलकर, भारत और अफ्रीका दोनों के लिए लंबी अवधि का आर्थिक दृष्टिकोण आशाजनक होने जा रहा है, क्योंकि यह वो जगह है जहां बाजार और अवसर मौजूद हैं।
माननीय मंत्री ने कहा कि इस कॉन्क्लेव का निश्चित रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा और निवेश हित को भी मजबूत करेगा। माननीय मंत्री ने कहा “ आज हुई हर बातचीत भारत और अफ्रीका के बीच अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करती है। हम भारत में जिन नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं उन्हे अफ्रीका को देने में सक्षम होंगे और जो अफ्रीका के युवाओं के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, निवेश और अवसरों का विस्तार करने में मदद करेगी ” ।
गोयल ने कहा कि हमारा मानना है कि लगभग 3 अरब लोगों का भाग्य हमारे हाथ में है क्योंकि भारत और अफ्रीका भविष्य के लिए ऐसे अवसर प्रदान करते हैं जो अद्वितीय हैं। “भारत के पास आज एक निर्णायक नेतृत्व है।
अफ्रीका के साथ भारत की विकास साझेदारी ऐसी शर्तों पर होगी जो अफ्रीका के लिए सुविधाजनक होगी जो अफ्रीका की क्षमता को बढ़ाएगी और इसके भविष्य को बाधित नहीं करेगी। हम चाहते हैं कि अफ्रीका विकसित और समृद्ध हो”, उन्होंने कहा।
माननीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीका के आर्थिक पुनरुत्थान के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को बताया है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य,
डिजिटल साक्षरता के प्रसार और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए डिजिटल क्रांति के साथ भारत के अनुभव का उपयोग किया जा सकता है। गोयल ने कहा कि भारत के स्टार्टअप और हमारे डिजिटल नवाचार जैसे यूपीआई, ओएनडीसी आदि अफ्रीका को अत्यधिक लाभान्वित कर सकते हैं।
माननीय मंत्री ने कहा कि भारत कई विकसित देशों के साथ गहरे संबंध बना रहा है और भारत ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक व्यापक आर्थिक भागीदारी (सीईपीए) और ऑस्ट्रेलिया के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता किया है।
हम यूके के साथ चर्चा के एक उन्नत चरण में हैं और कनाडा, यूरोपीय संघ, इज़राइल और अन्य देशों के साथ एक पहले से ज्यादा बड़ी साझेदारी की तलाश कर रहे हैं।
अपने संबोधन का समापन करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि अमृत काल में प्रवेश करते ही भारत न केवल अपने नागरिकों की बल्कि दुनिया के प्रत्येक नागरिक की समृद्धि की परवाह करता है।