Datia News : दतिया । इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही से नवजात बच्ची की हुई मौत पर गुस्साए स्वजनों ने मंगलवार सुबह हंगामा खड़ा कर दिया। स्वजनों का आरोप था कि अस्पताल में पदस्थ नर्स स्टाफ द्वारा समय पर डिलीवरी नहीं कराए जाने से नवजात बच्ची के मंुह में गंदा पानी चले जाने से उसकी मौत हुई है।
हंगामे की सूचना पर इंदरगढ़ थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर स्वजनों को समझाइश दी। इस मामले में स्वजनों ने अस्पताल स्टाफ के विरुद्ध आवेदन भी पुलिस को दिया है। जिस पर जांच कर कार्रवाई के आश्वासन के बाद स्वजन माने और मृत नवजात बच्ची को लेकर वापिस लौट गए।
जानकारी के अनुसार इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में महिला मानो पटवा पत्नी प्रदीप पटवा 30 निवासी दोहर को गत दिवस डिलीवरी के लिए स्वजन इंदरगढ़ अस्पताल सुबह लेकर पहुंचे थे।
स्वजनों का आरोप है कि महिला प्रसव पीड़ा से तड़फती रही लेकिन स्टाफ नर्स शुभी श्रीवास एवं निशा पटेल ने कोई ध्यान नहीं दिया और मोबाइल पर फेसबुक चलाती रही। दोनों नर्स ने जल्दी डिलीवरी कराने के लिए उनसे 2 हजार रुपयों की मांग भी की।
करीब 2 घंटे तक दर्द से तड़फती रही प्रसूता की हालत गंभीर हो गई और आधा बच्चा बाहर निकल आया तब जाकर अस्पताल नर्सों ने डिलीवरी कराई। जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर उन्हें दतिया जिला अस्पताल भेजा गया।
यहां भी नवजात की हालत गंभीर होने पर झांसी रेफर किया गया। वहां से भी चिकित्सकों ने उसे ग्वालियर भेज दिया। जहां नवजात की मौत हो गई। स्वजनों के मुताबिक चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि डिलीवरी में देरी के कारण बच्ची की मौत हुई।
इस बात से नाराज स्वजन गांव के लोग व रिश्तेदारों के साथ मंगलवार सुबह मृत नवजात बच्ची को लेकर इंदरगढ़ अस्पताल पहुंच गए और हंगामा किया। थाना प्रभारी की समझाइश के बाद स्वजन वापिस लौटे।
वहीं इस मामले में अस्पताल बीएमओ डा.वीरसिंह का कहना था कि वह मीटिंग में दतिया आए हुए हैं, उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह लौटकर इस मामले के बारे में पूछतांछ करेंगे।