Patna News : पटना । चिराग पासवान से खफा गुट ने उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष की ओर से पारस को संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दी गई थी। इस प्रकार पारस भी अब पार्टी संविधान के प्रविधान ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के उल्लंघन के घेरे में आ गए हैं। अध्यक्ष के चुनाव में लोजपा सांसद प्रिंस राज नहीं पहुंचे।
अध्यक्ष बनने के बाद पारस ने लोजपा मुख्यालय में गुरुवार की शाम पहली ही प्रेस कांफ्रेंस में भतीजे चिराग पासवान पर जोरदार हमला बोला। तमाम आरोपों पर कहा कि वह सच बोल रहा है या झूठ, यह वही जानता है। भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा क्या करेगा! यह प्रजातंत्र है, कोई आजीवन अध्यक्ष नहीं रह सकता। पार्टी सर्वसम्मति से चलती है और देश भी।
पारस ने कहा कि मेरे दल के लोगों ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। उनके अलावा किसी अन्य ने नामांकन ही नहीं दाखिल किया। उन्हें निर्विरोध चुना गया है। लोकसभा में संसदीय दल के नेता, दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर काबिज होने के अलावा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी आप ही होंगे, इस सवाल पर पशुपति कुमार पारस भड़क गए और अन्य सवालों का जवाब दिए बिना प्रेस कांफें्रस से उठ गए। जाने से पहले इतना जरूर बोले कि दलित सेना अलग संस्था है, उसे लोजपा से कैसे जोड़ सकते हैं।
मंत्री बनने पर संसदीय दल के नेता का पद वह खुद छोड़ देंगे। पारस भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि बड़े भाई रामविलास पासवान का सपना था कि समाज के पिछड़े हुए लोगों के कल्याण के लिए काम होना चाहिए। आज पार्टी 21 साल की हो चुकी है। बड़े भाई के बताए कदम पर चलकर हम लोग पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग भी पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उनसे आग्रह है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए वापस आएं। मैं सब से माफी मांगता हूं।
वे वापस आएं और पार्टी के नवनिर्माण में साथ दें। राष्ट्रीय कार्य समिति के कितने सदस्य पहुंचे, इसकी जानकारी नहीं दी गई। लोजपा मुख्यालय में संभावित हंगामे के चलते पारस गुट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं निर्वाचन अधिकारी सूरजभान सिंह के कंकड़बाग स्थित आवास पर किया। सूरजभान ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए एकमात्र नामांकन पत्र मिला, जिसके चलते पारस को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
चुनाव में राष्ट्रीय कार्यसमिति के कितने सदस्य शामिल हुए, इसकी जानकारी नहीं दी गई। हालांकि सांसद प्रिंस राज के चुनाव प्रक्रिया में नहीं पहुंचने के सवाल पर सूरजभान ने कहा कि वह हमारे साथ हैं और जरूरी काम से दिल्ली में रुके हुए हैं। प्रेस कांफ्रेंस में लोजपा संसदीय दल के उप नेता चौधरी महबूब अली कैसर, मुख्य सचेतक चंदन सिंह व सांसद वीणा सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता केशव सिंह समेत अन्य नेता मौजूद थे।