ग्वालियर | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि शिक्षा, नवाचार और किसानों के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करना था।
उन्होंने कहा कि भारत के समग्र विकास में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है और इससे जुड़े संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे किसानों की परिस्थितियों में सुधार लाने के लिए काम करें। उपराष्ट्रपति ने किसानों को केवल उत्पादक के रूप में नहीं, बल्कि कृषि उद्यमी के रूप में विकसित करने की बात कही।
तकनीक और भंडारण पर ध्यान देने की आवश्यकता
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण, मूल्य संवर्धन और बाजार प्रबंधन जैसे विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग जैसे उपायों को बढ़ावा देकर किसानों को बेहतर मूल्य दिलाया जा सकता है।
कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए। मंच पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविंद शुक्ला एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
राज्य स्तर पर कृषि और सिंचाई पर योजनाओं की जानकारी
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि राज्य में कृषि रकबा बढ़ाने और सिंचाई परियोजनाओं को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से केन-बेतवा और पार्वती-काली सिंध-चंबल नदी जोड़ परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनसे कुछ क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा बढ़ने की उम्मीद है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पशुपालन, गाय संरक्षण और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए की जा रही पहल की जानकारी दी।
प्राकृतिक खेती इकाई और मॉडल गौशाला का उद्घाटन
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित प्राकृतिक खेती इकाई एवं मॉडल गौशाला का लोकार्पण किया। इस दौरान एक प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ, जिसमें गौ आधारित उत्पादों और प्राकृतिक खेती से जुड़े नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने पौधारोपण भी किया।
विश्वविद्यालयों से विश्वस्तरीय अनुसंधान की अपेक्षा
राज्यपाल पटेल ने कृषि विश्वविद्यालयों से अपेक्षा जताई कि वे जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान और शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करें। उन्होंने कहा कि कृषि में नवाचार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सकता है।