Datia news : दतिया। आपसी मनमुटाव के कारण सात साल से दूर रह रहे पति-पत्नी, मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर संजय कुमार के प्रयास से फिर से एक साथ जीवन बिताने को राजी हो गए। इसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में ही दोनों पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाई और आगे से फिर विवाद न करने का वादा भी किया।
जानकारी के अनुसार उदयपाल आदिवासी निवासी सेवढ़ा की ग्वालियर ठाठीपुर निवासी रचना आदिवासी के साथ वर्ष 2015 में शादी हुई थी। उक्त दम्पति का शुरू में अच्छा सामंजस्य रहा। लेकिन धीरे-धीरे दोनों में मनमुटाव होने लगा। पत्नि चाहती थी की उसका पति उदयपाल आदिवासी जो सेवढ़ा शिक्षा विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत है, अपने सर्विस अभिलेख में नोमिनी के रूप में उसका नाम दर्ज कराए। इसी बात को लेकर आपस में मन मुटाव इतना बढ़ गया की दोनों पति-पत्नि एक दूसरे से अलग रहने लगे। कई शिकायतों के बाद मामला कुटुंब न्यायालय में भी पहुंचा। जहां दोनों के बीच सुलह भी हुई। लेकिन ज्यादा दिन तक दोनों साथ नहीं रह सके। नाराज पत्नि ने इसी मामले को लेकर जनसुनवाई में भी आवेदन दिया था।
जनसुनवाई में पति से अलग होने की शिकायत लेकर आई थी महिला : मंगलवार को रचना दतिया पहुंची। जहां कलेक्टर संजय कुमार ने जन सुनवाई में पति-पत्नि की बातों को सुनते हुए उन्हें समझाईश दी कि अपनी छोटी बच्ची के भविष्य को देखते हुए पति पत्नि आपस में झगड़े नहीं बल्कि पूरी गंभीरता से एक दूसरे के साथ रहे। इसके लिए कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी अरविंद उपाध्याय एवं अन्य अधिकारियों को पति-पत्नि की काउंसलिंग करने के निर्देश दिए।
पति-पत्नी की अधिकारियों ने की काउसलिंग : कलेक्टर की समझाईश एवं अधिकारियों की काउंसलिंग का परिणाम यह रहा है कि दोनों पति पत्नि एक साथ रहने को राजी हो गए। कलेक्टर के प्रयास व समझाईश से एक बिखरते हुए परिवार का फिर से मिलन हो सका। इस दौरान उदयपाल आदिवासी अपनी पत्नि रचना ने बताया कि कलेक्टर यदि हमें समझाईश न देते तो हमारा कभी आपस में समझौता नहीं होता। साथ ही पति के सेवा अभिलेख में नोमिनी के तौर पर नाम दर्ज हो जाने से जहां रचना खुश थी। वहीं उदयपाल ने अपना पूरा परिवार फिर से मिल जाने पर अधिकारियों का धन्यवाद दिया।