सिर कटी लाश का खुला राज : दोस्त काट ले गए थे मृतक का सिर, मोबाइल की लोकेशन से पकड़े गए आरोपित

Datia news : दतिया। दुरसड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम इमलिया स्थित एक ढावे में पड़ी मिली सिर कटी लाश का राज खुल गया है। मृतक के दोस्तों ने ही उसका सिर काटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपित कटा हुआ सिर घटना स्थल से करीब तीन सौ मीटर दूर एक खेत में फैंककर भाग निकले थे।

इस दौरान आरोपित मृतक का मोबाइल अपने साथ ले गए। यही मोबाइल उन तक पहुंचने में पुलिस के लिए मददगार साबित हुआ। इस हत्याकांड में शामिल तीन आरोपितों में दो इमलिया दतिया के युवक व उनका एक साथी उरई उप्र का बताया गया है। जिनकी गिरफ्तारी मालनपुर भिंड पुलिस ने की है।

पुलिस के मुताबिक आरोपित मनोज सेन, राहुल नामदेव निवासीगण इमलिया और सुखवीर सेंगर निवासी उरई जालौन उप्र, मृतक धर्मेंद्र पुत्र मदनमोहन गहलोत निवासी वार्ड क्रमांक आठ आलमपुर जिला भिंड के साथ मालनपुर में एक निजी कंपनी में काम करते थे। मालनपुर में मनोज की मां और बहन भी साथ रहती थी।

इस दौरान मृतक धर्मेंद्र का मनोज के घर आना जाना था। मनोज काे शक था कि धर्मेंद्र के उसकी मां के साथ अवैध संबंध है। इसीका बदला लेने के लिए उसने पूरा षडयंत्र रचा।

धर्मेंद्र जब आलमपुर आया तब मनोज ने अपने गांव के राहुल और एक अन्य साथी सुखवीर सेंगर के साथ मिलकर उसे इमलिया बुलाया। धर्मेंद्र ने इमलिया आकर उक्त तीनों के साथ मिलकर शराब पार्टी की। इस दौरान नशे की हालत में आरोपितों ने धर्मेंद्र की गला काटकर हत्या कर दी।

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साथ ही उसकी पहचान छुपाने के लिए सिर काट ले गए। इस दौरान आरोपितों ने मृतक का शव घटनास्थल से कुछ दूर बने सुनसान खेत में फैंक दिया और भाग निकले।

घटना के 15 दिन बाद भाई ने की थी रिपोर्ट : जब मृतक धर्मेंद्र 15 दिन बाद भी घर नहीं पहुंचा तो उसके भाई महेंद्र सिंह ने मालनपुर पहुंचकर उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।

मालनपुर पुलिस लगातार मृतक की खोजबीन में लगी रही। इस दौरान मृतक के बताए गए मोबाइल नंबर को ट्रेस कराया गया। जिसकी लोकेशन मिलने के बाद आरोपितों तक पुलिस पहुंच गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के लिए पहेली बना गया था मामला : मृतक धर्मेंद्र की शादी हो चुकी थी। उसकी एक बेटी भी है। इस घटना के बाद से उसका परिवार सदमे में है। इधर पांच दिसंबर को इमलिया के शिवकुमार दांगी के बंद पड़े ढावे में सिर कटा शव मिलने के बाद से यह पूरा मामला दुरसड़ा पुलिस के लिए पहेली बना हुआ था। इस मामले की पड़ताल के लिए पुलिस टीमें लगी हुई थी। जिसका 45 दिन बाद आखिरकार खुलासा हो गया।

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