Datia news : दतिया। न्यू कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान कुछ लोग अपना शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए जाने पर भड़क गए। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े से भी तीखी बहस कर डाली। मामला गरमाता देख आसपास के कर्मचारी भी उठ खड़े हुए और उन्होंने संबंधित लोगों को कड़ी समझाइश दी।
उनकी बात सुनने के बाद कलेक्टर ने कहाकि यह कार्रवाई एसपी दतिया के प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार की गई है। अगर इस मामले में संबंधित पक्ष को कुछ गलत लगता है, तो वह कमिश्नर कोर्ट में जा सकता है।
कलेक्टर की समझाइश के बाद भी उक्त लोग बहस करते रहे। कुछ देर बाद जब उन्हें स्पष्ट रुप से हिदायत दी गई तब जाकर वह मानें।
दरअसल सोमवार को कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने एसपी दतिया के प्रतिवेदन के आधार पर अलग-अलग थाना क्षेत्र के उन सात लोगों के बंदूक लाइसेंस निलंबित किए थे, जिन पर एफआईआर दर्ज हुई है।
इस संबंध में कलेक्टर ने सभी सात लोगों को अपनी बंदूकें एवं एम्यूनेशन मय लाइसेंस के तत्काल संबंधित थानों में जमा करने के आदेश जारी कर दिए।
जारी आदेश के स्पष्ट किया गया है कि पुलिस अधीक्षक जिला दतिया ने प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि यह सातों अपराधी अपने लाइसेंसधारी शस्त्र का दुरुपयोग कर जिले में गंभीर घटना घटित कर सकते हैं।
जिससे क्षेत्र की शांति व्यवस्था भंग होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए इनके लाइसेंस तत्काल निलंबित किए जाएंगे।
इस दौरान जिन व्यक्तियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए उनमें थाना जिगना क्षेत्र के एक ही परिवार के सदस्य रघुवर दयाल पुत्र बैजनाथ प्रसाद भार्गव, उनके बेटे राकेश भार्गव व पोते हिमांशु भार्गव शामिल हैं। इनके अलावा गोराघाट, गोंदन और सालोन बी के भी तीन लोगों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे। इनमें से सिर्फ भार्गव परिवार के सदस्य ही मंगलवार को जनसुनवाई में लाइसेंस निलंबित किए जाने की कार्रवाई पर हंगामा मचाने पहुंचे थे।
कलेक्टर बोले कोर्ट में जा सकते हैं : इस दौरान कलेक्टर ने उनसे शस्त्र लाइसेंस निलंबन की परिभाषा पूछी तो वे सभी लोग कुछ नहीं बता पाए। कलेक्टर ने कहाकि अगर उन्हें लगता है कि कुछ गलत किया गया है, तो वे कमिश्नर कोर्ट जाकर वहां से स्टे ले सकते हैं।
कलेक्टर ने कहाकि एसपी की रिपोर्ट के अनुसार उन सभी पर आपराधिक मामलों के रिकार्ड हैं। अगर लाइसेंसी हथियार से कोई घटना होती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
भार्गव परिवार ने आरोप लगाने की कोशिश भी की लेकिन कलेक्टर की स्पष्ट बात के आगे उनकी एक नहीं चली। बता दें कि कुछ दिन पूर्व जिगना थाने में भार्गव परिवार के उक्त सदस्यों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था।


