जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के संसद भवन परिसर में रविवार को भीषण आग लगने के मामले में 48 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ चोरी तथा आगजनी के आरोप लगाए गए हैं। आग की चपेट में केप टाउन स्थित इमारत के कई दफ्तर आ गए थे।
केप टाउन नगर निकाय अधिकारियों ने बताया कि इमारत की तीसरी मंजिल और छत पूरी तरह से ढह गई। शहर के छह दमकल केन्द्रों के दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के लिए कई घंटों तक जद्दोजहद की। रविवार सुबह करीब छह बजे आग लगने की जानकारी मिली थी और दमकल कर्मी केवल छह मिनट में ही मौके पर पहुंच गए थे। आग पर दोपहर में पूरी तरह काबू पाया गया।
लोक निर्माण एवं बुनियादी ढांचा मंत्री पेट्रीसिया डी लिले ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि मामला प्राथमिकता अपराध जांच निदेशालय (डीपीसीआई) को सौंप दिया गया है, जिसे ‘हॉक्स’ के नाम से जाना जाता है।
‘हॉक्स’ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नोमथांडाज़ो म्बाम्बो ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति एक बाड़ लांघकर पिछली खिड़की से परिसर में दाखिल हुआ था। म्बाम्बो ने एक न्यूज चैनल ‘ईसीएनए’ से कहा, ‘‘ उसे कुछ सामान के साथ गिरफ्तार किया गया है, ऐसा माना जा रहा है कि उसने वो सामान संसद से चोरी किया था।’’
उन्होंने कहा कि वह संसद का सदस्य नहीं है। उसने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे कुछ परेशानियां थी, जिस कारण उसने इस कथित कृत्य को अंजाम दिया। लिले ने यह भी बताया कि किसी ने पानी की आपूर्ति करने वाले ‘वाल्व’ को बंद भी कर दिया था। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को भी सुरक्षा कारणों के चलते इमारत के पास जाने की अनुमति नहीं दी गई।
रामफोसा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह राष्ट्रीय सम्पत्ति है और हम आग लगने के कारण का पता लगाएंगे। कैसे आग ओल्ड असेंबली हाउस में शुरू हुई और फिर नेशनल असेंबली तक फैल गई…. यह कुछ ऐसा है जिसकी जांच की जाएगी।’’
वहीं, संसद के अध्यक्ष नोसीविवी मैपिसा-न्यकाकुला ने कहा कि इसे जानबूझकर किया गया हमला बताने से अभी बचना चाहिए।
राष्ट्रपति और दक्षिण अफ्रीका के कई उच्च पदस्थ नेता आर्चबिशप डेसमंड टूटू के अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए केप टाउन में थे। यह कार्यक्रम सेंट जॉर्ज कैथेड्रल में शनिवार को हुआ, जो संसद भवन परिसर के पास ही है। संसद इमारत में पिछले साल भी आग लग गई थ।