बढ़ती महंगाई के बीच RBI का बड़ा फैसला,बैंक कर्ज की मासिक किस्त में नहीं होगा कोई बदलाव !

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है, तो वैश्विक स्तर पर बढ़ रही तेल की कीमतों से मंगहाई के बढ़ने की आशंका जताई है. आरबीआई के गर्वनर ने कहा है कि मौजूदा वैश्विक हालात से विकास दर पर भी असर पड़ सकता है लेकिन बीते साल में देश में राजस्व संग्रह में इजाफा देखने को मिला है.

आरबीआई ने शुक्रवार को जब चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो साफ कर दिया है कि बैंक ने लगातार 11वीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि छह सदस्यीय एमपीसी ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखने के पक्ष में मत दिया. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर कायम रखा है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो दरों में बदलाव किया था. रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है. जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है.

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में आए उतार-चढ़ाव और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी अड़चनों की वजह से बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. पहली तिमाही में यह 16.2 प्रतिशत, दूसरी में 6.2 प्रतिशत, तीसरी में 4.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह चार प्रतिशत रहेगी. फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.

आरबीआई ने ये भी कहा कि रिजर्व बैंक ग्राहक सेवाओं की समीक्षा करेगा. उन्होंने यूपीआई का इस्तेमाल कर एटीएम से बिना कार्ड के निकासी की सुविधा का विस्तार सभी बैंकों के करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि रबी सत्र की फसल अच्छी रहेगी जिससे ग्रामीण मांग में सुधार होगा.

आरबीआई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है और रिजर्व बैंक इसे सभी चुनौतियों से बचाकर रखने के लिए काम करेगा. दास ने कहा कि रिजर्व बैंक कोरोना काल में प्रणाली में डाली गई अतिरिक्त नकदी को कुछ साल में धीरे-धीरे वापस लेगा.

देश के आर्थिक हालात की बात करते हुए आरबीआई ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां अभी महामारी-पूर्व के स्तर की तुलना में शायद ही बढ़ी हैं, लेकिन इनमें लगातार सुधार हो रहा है. केंद्र सरकार ने भी कहा है कि अर्थव्यवस्था तेजी से सुधर रही है. देश का राजस्व संग्रह बढ़ रहा है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के राजस्व संग्रह में इजाफा हुआ है.

देश मे कोविड से जुडी पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद देश में तमाम क्षेत्रों में सुधार हो रहा है. मार्च में हवाई यातायात की स्थिति सुधरी है. उपभोक्ताओं का भरोसा सुधर रहा है और परिवारों का परिदृश्य बेहतर हुआ है रिजर्व बैंक का कहना है कि कारोबारी भरोसा सकारात्मक हुआ है और यह आर्थिक गतिविधियों के सुधरने को समर्थन दे रहा है.

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