Datia news : दतिया। दिनदहाड़े डा.रमेशचंद्र नीखरा के घर डकैती डालने के सात वर्ष पुराने मामले में आरोपितों को सात-सात वर्ष का सश्रम कारावास और दो-दो हजार के जुर्माने की सजा सुनाते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश जीसी शर्मा ने दंडित किया है।
घटना के आरोपित विजय सिंह तोमर, मनीष शर्मा, संजीव गुर्जर, रामू उर्फ योगेंद्र गुर्जर, शिवम गुर्जर, प्रदीप तोमर एवं छुन्ना उर्फ अभयजीत गुर्जर को डकैती के मामले दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई गई है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी आरसी चतुर्वेदी जिला अभियोजन अधिकारी एवं अभिषेक दीक्षित सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
घटना के मुताबिक 29 मई 2016 की दोपहर डा.रमेशचंद्र नीखरा के गहोई कालोनी दतिया स्थित निवास पर तीन बदमाश हथियार लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया। उस समय घर के अंदर रमेशचंद्र नीखरा के भाई कैलाश नारायण, डा.नीखरा की पत्नी आशा, उनकी लड़की निक्की एवं दामाद वरूण घर पर थे। बेटी निक्की ने पूछा कि कौन हो तो बाहर खड़े बदमाशों ने पूछा डाक्टर साहब है कि नहीं। जिस पर निक्की ने दरवाजा खोलकर कहाकि पापा घर पर नहीं है।
हथियार अड़ाकर बदमाशों ने की लूट : तभी आरोपित आपस में इशारा किया और उसे धक्का देकर अंदर कर घर में घुस गए। अंदर से दरवाजा बंद कर तीनों बदमाशों ने कट्टा निकालकर घर के लोगों पर अड़ा दिए और बोले जितना माल घर पर हो सभी निकाल दो। आरोपितों ने चारों लोगों के पहनी हुई सोने की अंगूठी, चैन, मंगलसूत्र उतरवाए और एक कमरे में बंद कर दिया।
करीब पौने घंटा घर के अंदर लूटपाट कर जेबर व रुपया लूटकर ले गए। आरोपित इस दौरान चार सोने की चैन, चार सोने की अंगूठी जनानी, दो सोने की अंगूठी मर्दानी, छह चूड़ी सोने की, एक मंगलसूत्र सोने आदि जेबरात सहित दो लाख 35 हजार रुपये नगदी एवं तीन मोबाइल दो एप्पल कंपनी के लूट कर ले गए।

पुलिस जांच में आरोपितों की पहचान भूपेश यादव, मनीष, करू उर्फ कल्याण के रूप में की। आरोपितों की गिरफ्तारी के पश्चात मिले साक्ष्य से पता चला कि शेष नौ आरोपित घर के बाहर रहकर घटना में सहयोग प्रदान कर रहे थे। अनुसंधान में कुल 12 आरोपितों के विरूद्ध अपराध किया जाना पाया गया। बाल अपचारी के विरुद्ध अपराध किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष भेजा गया। शेष 11 आरोपितों के विरुद्ध विशेष न्यायालय डकैती के समक्ष विचारण के लिए अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
जिसमें प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपितों को उक्त सजा से दंडित किया। प्रकरण में शेष चार आरोपित करू उर्फ कल्याण, भूपेश उर्फ भूपेंद्र, राजू दुबे एवं शिवम उर्फ सुम्मी फरार है। जिसके कारण इनके विरुद्ध अभी विचारण होना शेष है।