Datia news : दतिया। निर्माणाधीन तालाब में डूबने से तीन बहनों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सगी बहनें भी शामिल हैं। जबकि तीसरी किशोरी उनकी फुफेरी बहन थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद आदिवासी समुदाय में चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंचे एसडीएम अशोक अवस्थी व सेवढ़ा एसडीओपी अजय चानना ने तालाब को खाली कराने के लिए मशीन मंगाई। साथ ही आपदा मित्रों को तालाब से किशोरियों के शव निकालने के लिए उतारा गया। बरामद तीनों शवों का पीएम कराए जाने के बाद उन्हें स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया।
घटना शनिवार की बताई जाती है। तीनों किशोरियां इंदरगढ़ में वार्ड क्रमांक 11 दालमिल रोड स्थित निर्माणाधीन भुजरिया तालाब पर तालाब में भरे बारिश के पानी में नहाने गई थी।
इस दौरान वह तालाब में उतरी तो गहराई अधिक होने के कारण फिर बाहर नहीं निकल पाई। जिस समय घटना घटित हुई उस दौरान तालाब के आसपास भी कोई मौजूद नहीं था। जिसके कारण किशोरियों की आवाज भी किसी ने नहीं सुनी। जब परिवार के लोग उन्हें तलाशते हुए तालाब पहुंचे तब पता किनारे रखी चप्पलें और अन्य चीजों से पता चला कि तीनों किशोरियां इस जगह नहाने उतरी थी।
घटना की खबर पुलिस को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और नपा अमले ने वहां तालाब में आपदा मित्रों को उतारा। जिनकी मदद से तीनों किशोरियों के शव पानी से बाहर निकाल लिए गए। इस दौरान आपदा मित्रों ने पूरे तालाब में कुछ देर और सर्चिंग की ताकि किसी अन्य बच्चे के होने की आशंका न रहे।
जानकारी के अनुसार शाहपुरा पुलिया के पास अस्थाई तौर पर रहने वाले आदिवासी परिवारों की यह किशोरियां इंदरगढ़ में घर-घर जीरा मसाला और चद्दर से बने सामान बेचने का काम करती थी।
शनिवार को भी दोनों बहनें अरुणा व नताशा आदिवासी पुत्रीगण विक्रम अपनी फुफेरी बहन टीना पुत्री एकम आदिवासी व रेशमा निवासी शाहपुरा इंदरगढ़ के साथ शनिवार को दालमील रोड स्थित क्षेत्र में सामान बेचने गई थी।
यहीं उन्होंने कुछ घरों से खाने के लिए खाना भी मांगा था। इसी बीच चारों किशोरियां वहां पास में ही निर्माणाधीन भुजरिया तालाब पर पहुंच गई। जहां तालाब में भरे बारिश के पानी में वह नहाने के लिए उतरी और गहरे पानी में डूब गई। लेकिन साथ गई रेशमा किसी तरह बचकर किनारे पर पहुंच गई।
घटना के बाद रेशमा को किनारे पर जोर-जोर से रोता देख वहां से निकले बल्लू बघेल ने देखा तो कारण पूछा। जिसके बाद पता चला कि तीनों किशोरियां पानी में डूब गई हैं। आसपास के लोगों ने जब तालाब के किनारे सामान रखा देखा तो इस घटना की खबर आदिवासी परिवारों को दी। जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे।