कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमले के बाद उनके देश ने रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार को रूस के साथ संबंध तोड़ने के फैसले की घोषणा की, जब उसने अपने पड़ोसी पर बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल हमला किया। रूसी सेना को यूक्रेन में दाखिल होते हुए देखा गया है। यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि देश की सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है और पश्चिमी देशों से रक्षा सहायता का भी अनुरोध किया है।
उधर अपने अभियान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘ऐसे परिणाम होंगे,
जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.’ कीव (यूक्रेन की राजधानी), खार्कीव, ओडेसा और यूक्रेन के अन्य शहरों में जोरदार धमाकों की आवाज सुनी गई. यूक्रेन के सीमा रक्षकों द्वारा इस संबंध में तस्वीरें एवं वीडियो जारी किए गए और कहा गया कि रूसी सैन्य वाहन क्रीमिया से यूक्रेन में दाखिल हुए
We have severed diplomatic relations with Russia. For all those who have not yet lost their conscience in Russia, it is time to go out and protest against the war with Ukraine.
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 24, 2022
यूक्रेन और रूस का विवाद क्या है
यूक्रेन पर रूसी हमलों के बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने पांच रूसी विमान-हेलीकॉप्टर मार गिराए हैं. समाचार एजेंसी AFP ने इसकी जानकारी दी है. वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से इसका खंडन किया गया है. रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसने यूक्रेन के एयरबेस और एयर डिफेंस अपने सटीक हथियारों से नष्ट कर दिए हैं.
रक्षा मंत्रालय की ओर से गुरुवार को एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि रूसी सेना यूक्रेन के मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को सटीक हथियारों से नष्ट कर रही है. बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार की सुबह यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की घोषणा कर दी है.
क्या होगा इस युद्ध का अंजाम
इस सवाल के जवाब में कमर आगा बताते हैं कि युद्ध का अंजाम दुनियाभर में पड़ेगा. इसकी वजह से पश्चिम देशों में गहरा असर होगा. उन्होंने कहा कि अभी भी ये कोशिश होगी कि रूस को किसी तरह से रोका जाए. इसके साथ ही, अमेरिका या फिर नाटो इस लड़ाई में सीधे अमेरिका के खिलाफ उतरने की बजाय वे युद्ध में परोक्ष रुप से उसकी मदद करेगा.कमर आगा का कहना है कि इस स्थिति में यूक्रेन की हालत अफगानिस्तान जैसी हो जाएगी. अमेरिका और नाटो उसे अपने ढाल के तौर पर रूस के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे