पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा : वर्ष 2022-23 में अब तक 195 लाख टन हुई गेहूं खरीद
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नई दिल्ली  : आरएमएस 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद पहले ही आरएमएस 2022-23 के दौरान हुई कुल खरीद को पार कर चुकी है। आरएमएस 2022-23 में, 188 एलएमटी की खरीद हुई थी। हालांकि 26 अप्रैल, 2023 तक आरएमएस 2023-24 के दौरान 195 एलएमटी गेहूं की खरीद हुई है। इससे किसानों को बहुत लाभ हुआ है। वर्तमान में चल रहे गेहूं खरीद अभियान के दौरान लगभग 14.96 लाख किसानों को एमएसपी के रूप में कुल 41148 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि इस खरीद में प्रमुख योगदान गेहूं की खरीद वाले तीन राज्यों – पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश द्वारा किया गया है जोकि क्रमशः 89.79 एलएमटी, 54.26 एलएमटी और 49.47 एलएमटी है। इस वर्ष की वृद्धिशील खरीद में योगदान करने वाले प्रमुख कारकों में से एक, बेमौसम बारिश के कारण चमक में कमी को देखते हुए खरीदे जा रहे गेहूं की गुणवत्ता विनिर्देशों में भारत सरकार द्वारा छूट प्रदान किया जाना है। यह कदम किसानों की कठिनाई को कम करेगा और मजबूरीवश की जाने वाली किसी भी बिक्री को नियंत्रित करेगा।

केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को बेहतर संपर्क के लिए पहले से ही नामित खरीद केन्द्रों के अलावा ग्राम/पंचायत स्तर पर खरीद केन्द्र खोलने और सहकारी समितियों/ग्राम पंचायतों/आढ़तियों आदि के माध्यम से भी खरीद करने की अनुमति दी है।

साथ ही, धान की खरीद भी सुचारू रूप से चल रही है। केएमएस 2022-23 की खरीफ फसल के दौरान 26.04.2023 तक 354 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी है और 140 एलएमटी की खरीद अभी की जानी है। इसके अलावा, केएमएस 2022-23 की रबी फसल के दौरान 106 एलएमटी धान की खरीद का अनुमान लगाया गया है।

केन्द्रीय पूल में गेहूं और धान की संयुक्त स्टॉक की स्थिति 510 एलएमटी से अधिक हो गई है, जो देश को खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सुविधाजनक स्थिति में रखता है। गेहूं और धान की जारी खरीद के साथ, सरकारी अनाज भंडार में खाद्यान्न के भंडार का स्तर बढ़ रहा है। 

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