महिला-पुरुष समानता की ओर भारत का मजबूत कदम : 2024 की रिपोर्ट में सामने आए अहम आंकड़े, “शिक्षा से लेकर शेयर बाजार तक, हर क्षेत्र में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी”

नई दिल्ली : भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने हाल ही में “भारत में महिलाएं और पुरुष 2024 प्रवृत संकेतक और डेटा” शीर्षक से अपने वार्षिक प्रकाशन का 26वां संस्करण जारी किया है। यह रिपोर्ट देश में महिलाओं और पुरुषों के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी की तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट का उद्देश्य न केवल आंकड़ों को साझा करना है, बल्कि यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और समाज के सभी वर्गों को लैंगिक-संवेदनशील निर्णय लेने में मार्गदर्शन भी देती है।

इस रिपोर्ट में जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय प्रक्रिया से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिला-पुरुष स्थिति की तुलना की गई है। ये आंकड़े सरकारी विभागों और संगठनों से एकत्र किए गए हैं और शहरी-ग्रामीण के साथ-साथ विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भी विश्लेषित किए गए हैं।


शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी : रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर लैंगिक समानता सूचकांक (GPI) लगातार बेहतर हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि अब स्कूलों में लड़कियों का नामांकन लड़कों के बराबर या उससे अधिक हो रहा है। हालांकि प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर थोड़ी बहुत घट-बढ़ देखी गई है, लेकिन कुल मिलाकर स्थिति संतोषजनक रही है।


आर्थिक भागीदारी और वित्तीय स्वतंत्रता : महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में लेबर फोर्स भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 49.8% से बढ़कर 2023-24 में 60.1% हो गई है। बैंक खातों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है—वे कुल खातों का 39.2% और कुल जमा राशि का 39.7% हिस्सा रखती हैं। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 42.2% तक पहुँच गया है।

Banner Ad


शेयर बाजार में महिला निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी : डीमैट खातों की संख्या में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2021 में 33.26 मिलियन खातों से नवंबर 2024 तक यह संख्या बढ़कर 143.02 मिलियन हो गई है। इसमें महिला खाताधारकों की संख्या भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है—2021 में 6.67 मिलियन से बढ़कर 2024 में 27.71 मिलियन हो गई है।


 महिला उद्यमिता और स्टार्टअप्स में नई उड़ान : रिपोर्ट बताती है कि महिला स्वामित्व वाले उद्यमों की संख्या में भी निरंतर इजाफा हो रहा है। 2017 में महिला निदेशक वाले स्टार्टअप्स की संख्या 1,943 थी जो 2024 में बढ़कर 17,405 हो गई है। यह महिला उद्यमिता को लेकर समाज में बढ़ते सकारात्मक रुझान का प्रमाण है।


महिला मतदाताओं की भागीदारी में बढ़त : 1952 में जहां कुल मतदाताओं की संख्या 173.2 मिलियन थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 978 मिलियन तक पहुंच गया है। महिला मतदाता पंजीकरण और मतदान में भी तेजी से वृद्धि हुई है। 2024 में पहली बार महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक दर्ज किया गया—यह लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करता है।


 

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter