खनिज माफिया के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई : बैतूल में एक अरब 37 करोड़ की शास्ति और एक करोड़ 25 लाख मूल्य की जेसीबी राजसात

भोपाल  :  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रेत माफियाओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देशों के अनुरूप बैतूल में कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन मे खनिज, राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा विगत दिनों रेत माफियाओ के विरूद्ध कार्यवाही कर अनेक खनिज प्रकरण दर्ज कर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाए गए हैं।

रेत माफियाओं के विरूद्ध दर्ज खनिज प्रकरण में शीघ्रता से सुनवाई कर अपर कलेक्टर बैतूल ने रेत माफियाओं के प्रकरणों का निराकरण कर 5 जून 2024 को मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के नियम 18 (6) के तहत कुल चार प्रकरणों में एक अरब 37 करोड़ की शास्ति एवं नियम 22 के तहत एक करोड़ 25 लाख मूल्य की 02 पोकलेन और एक जेसीबी राजसात करने की कार्यवाही की है।

अपर कलेक्टर द्वारा पारित निर्णय अनुसार यदि रेत माफियाओं द्वारा अधिरोपित शास्ति 07 दिवस में जमा नहीं की जाती है, तो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान के तहत रेत माफियाओं की चल अचल संपत्ति कुर्क कर बकाया भू-राजस्व की भांति आरोपित शास्ति की वसूली की जाएगी। शाहपुर निवासी अंकुर उर्फ रिंकू राठौर और अरशद कुरैशी को ग्राम गुरगुन्दा में 70808 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर अधिरोपित राशि 53 करोड़ 10 लाख 60 हजार रूपये एवं पोकलेन राजसात मूल्य लगभग 60 लाख रुपये की राशि अधिरोपित की है।

अंकुर उर्फ रिंकू राठौर और अरशद कुरैशी के विरुद्ध ग्राम डेन्डूपुरा में 110,610 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर 82 करोड़ 95 लाख 75 हजार एवं जेसीबी राजसात मूल्य लगभग 25 लाख रुपये, अंकुर उर्फ रिंकू राठौर, अरशद कुरैशी और साबू के विरुद्ध शाहपुर ग्राम डेन्डुपुरा में 700 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर 52 लाख 50 हजार रुपये एवं  महेन्द्र धाकड़ ग्राम माण्डवी,  दीपेश पटेल निवासी भोपाल, रविन्द्र चौहान निवासी भोपाल और  मो. इलियास निवासी ग्राम सारणी के विरुद्ध ग्राम धासईमाल में 252 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर 18 लाख 90 हजार रुपये एवं पोकलेन हिटैची राजसात मूल्य लगभग 40 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की गयी है।

अपर कलेक्टर राजीव नंदन श्रीवास्तव ने खनिज के अवैध उत्खनन को लेकर सहायक खनिज अधिकारी जिला बैतूल से तीन प्रकरणों में पुलिस थाना शाहपुर एवं चोपना में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1890 की धारा 379 एवं सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1980 की धारा 3 के तहत अपराध भी दर्ज करवाया गया है।

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