अपराध नियंत्रण पर सख्ती: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनविश्वास बढ़ाने के निर्देश, CM डॉ. मोहन यादव ने कानून व्यवस्था की उच्चस्तरीय बैठक में दिए निर्देश

भोपाल :  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में अपराध किसी भी प्रकार के हों, पुलिस को त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जनता के विश्वास को मजबूत करने और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएं।


कानून व्यवस्था पर विस्तृत समीक्षा : मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए।

डॉ. यादव ने कहा, “शहरों में प्रमुख मार्गों पर स्टंट करने वालों, हथियार लहराने वालों, गौवंश पर अत्याचार और नशे से जुड़े अपराधों पर सख्त कार्रवाई हो। पुलिस की उपस्थिति सड़कों से लेकर जनता के दिल तक महसूस होनी चाहिए।”


नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और सुरक्षा : बैठक में जानकारी दी गई कि नक्सल विरोधी अभियानों के साथ-साथ सड़क निर्माण और विकास कार्यों को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।

  • 14 जून को बालाघाट जिले में मुठभेड़ में 4 माओवादी मारे गए और कई हथियार बरामद हुए।

  • 19 जुलाई को लांजी क्षेत्र में माओवादियों से मुठभेड़ में टैबलेट, दूरबीन और अन्य सामग्री जब्त की गई।

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित गांवों में जनसेवा शिविर लगाए जा रहे हैं, वनाधिकार प्रमाण-पत्र वितरित हो रहे हैं और तेंदूपत्ता संग्राहकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया परीक्षण शिविर और कोदो-कुटकी उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।


अपराध नियंत्रण में आधुनिक तकनीक का उपयोग : मुख्यमंत्री ने नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, ई-साक्ष्य और ई-समन प्रणाली की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन और डिजिटल मॉनिटरिंग का व्यापक उपयोग किया जाए।


मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश :- 

  • अपराधों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास और मोबाइल टॉवर स्थापना को गति दी जाए।

  • हितग्राही मूलक योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन हो।

  • वनाधिकार प्रमाण-पत्र से जुड़ी लंबित कार्रवाई समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए।

  • आईटी आधारित नवाचारों को पुलिस कार्यप्रणाली में और बेहतर तरीके से शामिल किया जाए।

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