Datia news : दतिया। जमीन कारोबारी के पुत्र का अपहरण कर उसे ट्रैक्टर ट्रोली में हाथ पैर बांधकर ले जाने वाले बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है। उक्त बदमाशों ने जमीन कारोबारी से फरौती के रुप में एक करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन जिस ट्रैक्टर ट्राेली से अपहरण किया गया था, वह दतिया के उनाव बालाजी निवासी शशिकांत पाल की थी। जिसके बारे में सीसीटीवी में खुलासा होने के बाद पुलिस बदमाशों तक पहुंच सकी।
इस मामले में मास्टर माइंट सेना का जवान थाना चिरगांव के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा निवासी घनेंद्र प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा निकला। जो पश्चिम बंगाल के बनागढ़ में गनर पोस्ट पर तैनात है। छह अप्रैल को वह छुट्टी लेकर गांव आया था। जहां अपने छह साथियों के साथ मिलकर इस पूरे षडयंत्र को रचा था।
इस मामले में दतिया के उदगुवां निवासी मानेंद्र सिंह परमार और उनाव बालाजी के शशिकांत पाल भी शामिल रहे। व्यापारी की रेकी करके इसकी सूचना पास में रहने वाले युवक मानेंद्र सिंह ने ही घनेंद्र को दी थी।
घटना में जिस ट्रैक्टर-ट्रोली का उपयोग किया गया था, वह शशिकांत पाल की थी। ताकि किसी को शक नहो। जंगल में ले जाकर अपहृत के मोबाइल फोन से उसके भाई से फिरौती मांगी गई थी। ग्राम प्रधान समेत कुछ लोगों के पीछे पड़ जाने से अपहरणकर्ता घबरा गए और इसका फायदा उठाते हुए व्यापारी किसी तरह से उनके चंगुल से छूटकर पुलिस के पास पहुंच गया था। पुलिस ने सेना के जवान समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपित अभी फरार हैं। मामले का खुलासा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया तो हुआ।
जिसमें बदमाश जिस ट्रैक्टर ट्रोली में व्यापारी को ले जाते दिखे थे उसके पीछे आदित्य पटैरियाउनाव बालाजी लिखा था। इस पर ट्रोली बनाने से पूछताछ की तो पता चला कि ट्रैक्टर उनाव बालाजी के ग्राम कुम्हारिया निवासी शशिकांत पाल का है। इससे पूछताछ करने पर एक के बाद एक पत्ते खुलते चले गए और बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया।

जानकारी के अनुसार रक्सा में रहने वाले जमीन कारोबारी महेश कुमार गुप्ता ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उनके बेटे माधव मोहन उर्फ आशीष गुप्ता की मेन रोड पर इलेक्ट्रोनिक्स का शोरुम हैं।
15 अप्रैल की रात को करीब आठ बजे दुकान बंद कर घर जाते समय उसका अपहरण हो गया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जनपद की नाकाबंदी कर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी थी। साथ ही जंगल की भी खाक छानी थी। लेकिन वह बरामद नहीं हो सका। दूसरे दिन आशीष किसी तरह से बदमाशों के चंगुल से छूटकर थाना एरच की बैंदा चौकी पर पहुंच गया था। घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि बदमाश व्यापारी का अपहरण रक्सा के मूंगफली केंद्र के सामने से ट्रैक्टर-ट्रोली में कर ले गए थे।
इसके बाद मुख्य सड़क के साथ ही गांवों से होते हुए वह खिरिया घाट के पास बने हनुमान मंदिर के जंगल में अपहृत को ले गए। वहां पर एक ग्राम प्रधान को शक हुआ, तो बदमाशों ने उनको यह कहकर गुमराह कर दिया था कि बंधक उसका भाई है, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। साथ ही एक बदमाश ने अपना परिचय-पत्र दिखाते हुए खुद को एसटीएफ का जवान बताया था।
कर्ज चुकाने के लिए ऐसे रची थी योजना : इस अपहरण का मास्टर माइंड सेना के जवान घनेंद्र प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा ने पुलिस को बताया कि उसने छोटे भाई को ट्रक खरीदने और बहन की शादी में कर्ज लिया था।
उस पर 25 लाख रुपये का कर्ज था, जिसको अदा करने के लिए उसने थाना उदगुवां (दतिया) के ग्राम कटीलीव हाल सीपरी बाजार के आइटीआइ के पास किराए के मकान में रहने वाले दोस्त मानेंद्र सिंह परमार के साथ अपहरण की योजना बनाई थी।मानेंद्र को पता था कि अपहृत आशीष के पिता महेश के पास काफी पैसा है।
उनाव बालाजी के ग्राम कुम्हरिया निवासी शशिकांत पाल की ननिहाल पट्टी कुम्हर्रा में थी, जिससे घनेंद्र और शशिकांत की दोस्ती थी।घनेंद्र ने उसको अपहरण करने और रुपये मिलने पर बराबर-बराबर बांटने की बात करते हुए गाड़ी की व्यवस्था करने को कहा था।
शशिकांत ने घटना में अपने भांजे थाना सेंदरी अंतर्गत ग्राम कठऊ पहाड़ी(निवाड़ी) निवासी कमलेश को शामिल किया। वह गाड़ी चलाना जानता था। व्यापारी के घर के पास रक्सा के ग्राम कल्यानपुरा निवासी सूरज अहिरवार ने व्यापारी की रेकी की और उसकी लोकेशन अपने दो साथियों के साथ मिलकर दी।
गाड़ी नहीं मिलने पर बदमाशों ने तय किया शशिकांत पाल के ट्रैक्टर-टोली से घटना को अंजाम दिया जाएगा, ताकि किसी को शक न हो। कमलेश अकेला ट्रैक्टर को चलाकर रक्सा पहुंचा और मूंगफली केंद्र के सामने खड़ा हो गया।
व्यापारी जैसे ही बाइक से आया, तो चारों बदमाशों ने उसकी बाइक की चाबी निकालने के बाद उसको मुंह बांधा और ट्रोली में डालकर ले गए।