Datia news : दतिया। मामा भांजे ने आनलाइन हेराफेरी कर करोड़ों रुपये की ठगी कर ली। इस बात का खुलासा पुलिस की पकड़ में आए उनके साथी ने किया है। जो इस काम में उनके साथ था। उसे इस सबके लिए मोटा कमीशन दिया जाता था। जिसमें साइबर ठग शासकीय योजनाओं में लाभ दिलाने के नाम पर ग्रामीणों का बैंक खाता खोलकर, उनके बैंक एकांउट से फर्जी सिमों के नबंर रजिस्टर्ड कर उसका दुरूपयोग रुपयों के लेनदेन के लिए करते थे।
इसके साथ ही आनलाइन गेमिंग बेवसाइट के माध्यम से भी साइबर ठगी का पूरा रैकेट काम कर रहा था। प्रारंभिक जांच में करीब तीन करोड़ का लेनदेन पुलिस के सामने आया है। इस मामले में भांडेर पुलिस ने दो आरोपित अरुण राजपूत निवासी पनारी थाना पूंछ झांसी एवं रोहित परिहार झांसी को गिरफ्तार किया है। जबकि चार आरोपित दुष्यंत यादव, उसका मामा रविंद्र यादव निवासीगण मोंठ, रिषभ यादव झांसी एवं युवराज यादव झांसी अभी फरार है।
इस खुलासे के बारे में जानकारी देते हुए एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि सभी आरोपित उप्र के झांसी जिले के निवासी हैं। इनमें से फरार चार साइबर अपराधियों पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया है। एसपी शर्मा ने बताया कि फरियादी राजकिशोर राजपूत निवासी ग्राम बागपुरा थाना भांडेर द्वारा एक आवेदन देकर शासन की योजनाओं से मिलने वाले आर्थिक लाभ के नाम पर गुमराह किए जाने संबंधी शिकायत पुलिस में की थी। जिसमें जानकारी दी गई कि फरियादी एवं उसके अन्य दो साथियों के एचडीएफसी बैंक भांडेर में माह मार्च 2023 में बैंक एकांउट खुलवाए गए।
एकाउंट खुलने के बाद उनसे बैंक की पासबुक, एटीएम कार्ड एवं अन्य दस्तावेज प्रतिमाह तीन हजार रुपये शासन की योजना से प्राप्त होने की बात कहकर ले लिए गए। कुछ समय बाद फरियादी को बैंक से जानकारी प्राप्त हुई कि बैंक खातों से फरियादी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को हटाकर किसी अन्य मोबाइन नंबर को खातों से जोड़कर करीब 50-56 लाख रुपये का लेन-देन किया गया है। इससे घबराकर उन्होंने अपने बैंक खाते बंद करा दिए और बैंक एकांउट का दुरूपयोग होने के संबंध में पुलिस को शिकायत की।
81 चैकबुक और 80 एटीएम कार्ड मिले : प्रथम दृष्टया अरुण राजपूत की संलिप्तता की पुष्टि पर पुलिस ने छानबीन शुरू की। आरोपित अरुण पनारी थाना पूंछ जिला झांसी का निवासी निकला। पुलिस पार्टी ने साइबर सेल की मदद से गत मंगलवार अरुण को लहार रोड बरचौली मोड के पास से गिरफ्तार कर लिया।

जब उससे पूछतांछ की गई तो आरोपित ने अपना पता अशोक सेनफांस वैली, झांसी बताया। जहां बने फ्लैट नंबर ए-9 की तलाशी लिए जाने पर पुलिस को वहां से एक पीओएस मशीन, दो क्यूआर कोड, 81 विभिन्न बैंक की चैक बुकें, 80 एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड, चार महंगे मोबाइल, 38 फर्जी सिम कार्ड, पेन ड्राइव, दो आधार कार्ड, 12 बोर के 13 राउंड व एक 12 बोर का कट्टा सहित करोड़ों रुपये के विभिन्न खातों के माध्यम से लेनदेन के हिसाब लिखे दो रजिस्टर व दो डायरियां बरामद की गई।
मामा भांजे मिलकर करते हेराफेरी : अरुण ग्रामीण इलाकों में युवाओं को चिंहित कर शासन की योजनाओं के नाम पर एकाउंट खुलवाता था। इसके लिए बैंक के कर्मचारियों से भी उसकी सेंटिग थी। इन एकाउंट से खाता धारकों के लिंक नंबरों को चतुराई से अपने साथी रिषभ यादव के माध्यम से एयरटेल सिम का काम करने वाले रोहित परिहार झांसी से अन्य ग्राहकों की सिम प्राप्त कर उन सिमों को खातों से लिंक करके संबंधित कस्टमर का नंबर हटा देते थे। फिर इन खातों को अपने साथी दुष्यंत यादव, उसके मामा रविंद्र यादव निवासीगण मोंठ, युवराज यादव झांसी के द्वारा आनलाइन गेमिंग बेवसाइट पर रुपयों का लेनदेने करते थे। इसके बादले अरूण राजपूत को प्रति खाते पर प्रतिमाह 10 हजार रुपये कमीशन के तौर पर मिलता था। आरोपितों द्वारा विगत छह माह में तीन करोड़ से अधिक राशि के लेनदेन किया गया।