नई दिल्ली/विदिशा : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 मई से अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में एक व्यापक पदयात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य आत्मनिर्भर और विकसित भारत के विज़न को जमीनी स्तर तक पहुँचाना है। चौहान हर सप्ताह दो दिन पदयात्रा करेंगे और प्रतिदिन लगभग 25 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्रामीणों से प्रत्यक्ष संवाद करेंगे।
हर गांव तक पहुंचे योजनाओं का लाभ : चौहान ने कहा कि यह पदयात्रा न सिर्फ संवाद का माध्यम होगी, बल्कि केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का संकल्प भी है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी आमजन को दी जाएगी।
प्रत्यक्ष संवाद से होगा योजनाओं का मूल्यांकन : पदयात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचकर योजनाओं के लाभार्थियों से मिलेंगे और योजनाओं के प्रभाव का प्रत्यक्ष मूल्यांकन करेंगे। वह लोगों की समस्याओं को सुनकर现场 पर ही उनके समाधान के निर्देश भी देंगे।
इस प्रक्रिया में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल, किसान संगठन और मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल होंगे, जिससे योजनाओं की भागीदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
विदिशा के बाद देश के अन्य क्षेत्रों में भी यात्रा : यह यात्रा शुरुआत में विदिशा संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभाओं को कवर करेगी। इसके बाद श्री चौहान देश के अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी इसी तरह की पदयात्राएँ निकालेंगे। उनका उद्देश्य है कि केंद्र की नीतियाँ और योजनाएं केवल कागजों में न रहें, बल्कि हर जरूरतमंद तक पहुँचे।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव : इस पदयात्रा के माध्यम से सरकार का फोकस आत्मनिर्भर भारत मिशन को ग्रामीण स्तर पर लागू करना है। यात्रा के दौरान कृषि सुधार, ग्रामीण उद्योग, महिला उद्यमिता, कौशल विकास और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।
यह पहल ग्रामीण रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता को सशक्त करने के साथ-साथ गरीबीमुक्त गांव के लक्ष्य को भी साकार करने में सहायक होगी।
महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष जोर : पदयात्रा में महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के प्रयास किए जाएंगे। वहीं, युवाओं के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास कार्यक्रमों की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी यह यात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।