तालाब में उतरे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह : मखाना किसानों से की बातचीत, समझी खेती की चुनौतियां

 दरभंगा : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान बिहार के दरभंगा पहुंचे, जहां उन्होंने तालाब में उतरकर मखाना उत्पादक किसानों से सीधे संवाद किया। उन्होंने मखाने की खेती की प्रक्रिया को नजदीक से समझते हुए किसानों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि मखाना की खेती बेहद कठिन है और दिनभर तालाब में रहकर काम करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है, और इस बोर्ड के गठन से पहले किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने के लिए वे खुद मौके पर पहुंचे हैं।

मखाना किसानों की कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास : दरभंगा स्थित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में किसानों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार केवल विभाग चलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर किसानों की समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार कृषि मंत्री बने थे, तब पटना में किसानों के साथ बैठक के दौरान मखाना उत्पादकों ने अपनी परेशानियां साझा की थीं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही यह अनुसंधान केंद्र स्थापित हुआ था, और अब प्रधानमंत्री मोदी ने मखाना बोर्ड बनाने का फैसला लिया है।

मखाना को सुपरफूड बनाने की दिशा में काम : चौहान ने मखाने की खेती में किसानों द्वारा झेली जाने वाली मुश्किलों को महसूस करने के लिए खुद तालाब में उतरकर खेती की प्रक्रिया को समझा। उन्होंने कहा कि मखाना सुपरफूड है और इसे उगाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। जब उन्होंने खुद मखाने की बेल को छुआ, तो उसमें ऊपर और नीचे कांटे पाए। उन्होंने कहा कि हम केवल मखाने का स्वाद लेते हैं, लेकिन इसे उगाने में किसानों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, यह कोई नहीं देखता। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मखाना की कांटा रहित किस्म विकसित करने के लिए अनुसंधान किया जाए।

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तकनीक के जरिए खेती होगी आसान : कृषि मंत्री ने कहा कि मखाने की खेती के लिए पानी में डुबकी लगानी पड़ती है, जिससे आंख, नाक, कान तक कीचड़ भर जाता है। वर्तमान में खेती के लिए कुछ यंत्र बने हैं, लेकिन वे पूरी तरह प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही ऐसे नए उपकरण विकसित किए जाएंगे, जो मखाने को आसानी से निकालने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और कठिनाइयों को कम करने पर काम कर रही है। तालाबों और जल संसाधनों के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का समन्वय किया जाएगा।

मखाना किसानों को मिलेगा समर्थन : उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि मखाना बोर्ड के गठन में किसानों की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लीज पर खेती करने वाले किसान भी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें, चाहे वह किसान क्रेडिट कार्ड हो, ब्याज में छूट हो, खाद की उपलब्धता हो या न्यूनतम समर्थन मूल्य। उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों के लिए ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे, ताकि उनकी दक्षता बढ़ाई जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे किसानों को संबोधित : शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार समेत देशभर के किसानों के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री 20 फरवरी को बिहार आ रहे हैं, जहां से वे देशभर के 9 करोड़ 80 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 22,000 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, और इस अवसर पर देशभर में किसान प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए एकत्रित होंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि मखाना सुपरफूड के रूप में पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाएगा। सरकार इसकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग को लेकर व्यापक रणनीति पर काम कर रही है, ताकि किसानों को उचित लाभ मिल सके।

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