Datia News : दतिया । कुछ समय पहले तक कई शहरों से बच्चे फिल्मी नगरी मुंबई की चमक दमक से आकर्षित होकर अपना घर छोड़कर वहां पहुंच जाते थे।
लेकिन इस बार कानपुर के तीन बच्चे धार्मिक स्थल मां पीतांबरा के बारे में सुनकर वहां दर्शन करने की इच्छा से 250 किमी की यात्रा स्कूटी से तय कर दतिया पहुंच गए।
इन बच्चों ने अपने दतिया जाने के बारे में परिवार के लोगों को भी जानकारी नहीं दी। यह खुलासा तब हुआ जब दतिया कोतवाली पुलिस ने उन्हें शहर में इधर-उधर घूमते देखा और उनसे पूछतांछ की।
रविवार को तीन बच्चे जो कानपुर से स्कूटी से दतिया पहुंचे थे। उन्होंने एक समाचार पत्र में पढ़ा था कि पीतांबरा मां की काफी महिमा है और वह संकटों का निवारण कर देती है। बड़े-बड़े फिल्म स्टार, नेता, अधिकारी वहां आकर आशीर्वाद लेते है।
बस फिर क्या था यह तीनों किशोर पैसा इकट्ठा कर घर से भागकर एक स्कूटी पर सवार होकर 250 किमी दूर दतिया मां पीतांबरा के दर्शन के लिए पहुंच गए।
दतिया में इन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और इनके परिवार वालों को कानपुर फोन कर दतिया बुलाया। जिसके बाद पुलिस ने बच्चों को सकुशल उनके सुपुर्द कर दिया।
दतिया पहुंचे एक बच्चे आकाश दिवाकर ने बताया कि उन्होंने कानपुर में समाचार पत्र में पीतांबरा मैया के बारे में पढ़ा था। इसके बाद उन तीनों ने दतिया मां पीतांबरा के दर्शन करने की योजना बनाई और घर से निकल पड़े।
रविवार दोपहर तीनों किशोर स्कूटी पर सवार होकर दतिया पीतांबरा मंदिर दर्शन करने पहुंचे। तीनों किशोर दर्शन के बाद शहर में इधर उधर घूम रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और पूछतांछ की तो पता चला कि वे कानपुर से दतिया अपने घरवालों को बिना बताए आए हैं।
कोतवाली थाने में पदस्थ कार्यवाहक टीआई शशिकुमार ने बताया कि रविवार की दोपहर पीतांबरा पीठ पर तीन किशोर आकाश दिवाकर (16), विमल गौतम (15), करण दिवाकर (15) निवासीगण कानपुर ने पुलिस को बताया कि घरवालों को बिना बताए पीतांबरा पीठ पर दर्शन करने आए है।
पुलिस ने तीनों के परिवार वालों के टेलीफोन नंबर मांगे और उन्हें सूचित कर दतिया बुलाया। जिसके बाद किशोरों को ऐसी गलती दोबारा ना करने की समझाइश देकर सकुशल परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया।
शशि कुमार ने बताया कि तीनों किशोरों ने पूछतांछ में बताया कि मां पीतांबरा मंदिर के बारे में अखबार में बहुत सी बार पड़ा था। इसलिए मंदिर के दर्शन करने की मन में लालसा जागी। फिर हम तीनों ने योजना बनाई और चंदा इकट्ठा कर स्कूटी में पेट्रोल भरवाया और घर से बिना बताए मंदिर के दर्शन करने आ गए।