सोनीपत : कुंडली बार्डर पर कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को 26 मई को छह माह पूरे हो जाएंगे। इसके अलावा 26 मई को वर्तमान केंद्र सरकार के सात साल भी पूरे होंगे। इसे देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है।
इस दिन देशभर के सभी लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों, दुकानों, भवनों, गाड़ियों, प्रतिष्ठानों आदि पर काला झंडा फहराएं और सरकार का विरोध करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयुक्त मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को नहीं सुन रही है और उर्वरकों, डीजल और पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

देश-प्रदेश में महंगाई अपने चरम पर है। लोग इस सरकार से त्रस्त हो चुके हैं। इसलिए 26 मई को विरोध स्वरूप घरों के ऊपर काला झंडा लगाने के साथ ही गांव-गांव में लोग 12 बजे प्रधानमंत्री का पुतला भी दहन करेंगे। एक सवाल के जवाब में राजेवाल ने कहा कि उन्होंने कभी बातचीत से इन्कार नहीं किया है। जब भी सरकार बातचीत के लिए बुलाएगी, हम लोग अवश्य जाएंगे।
कोरोना को लेकर राजेवाल ने कहा कि सरकार आंदोलन का बदनाम करने की एक और साजिश कर रही है। सरकार अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर रही है। असलियत यह है कि आंदोलन स्थल पर कोई कोरोना नहीं है। असल में जो लोग गांव से बाहर शहरों में, औद्योगिक क्षेत्रों में नौकरी के लिए आवागमन करते हैं, वे कोरोना के वाहक बन रहे हैं।