लखनऊ : अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में जातियों को शामिल करने का अधिकार राज्यों को देने संबंधी संविधान संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश होते ही उत्तर प्रदेश में भी ओबीसी आरक्षण पर कवायद शुरू हो गई है।
इसी के तहत प्रदेश में भी 39 नई जातियां ओबीसी में शामिल हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मंगलवार को पहली बैठक करने जा रहा है। दरअसल, पहले भी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुति पर ही प्रदेश सरकार किसी जाति को ओबीसी में शामिल करती थी।
कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को लेकर कहा था कि ओबीसी की सूची तैयार करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। इसी को लेकर केंद्र सरकार सोमवार को संविधान संशोधन बिल लेकर आई है। इस बिल के पास हो जाने के बाद राज्य अपने यहां ओबीसी की सूची में जातियां शामिल कर सकेंगे।
प्रदेश में ओबीसी की सूची में इस समय 79 जातियां शामिल हैं। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मंगलवार को पहली बैठक करने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आयोग के पास कुल 70 जातियों के प्रतिवेदन और आए हैं, जिनमें से 39 प्रतिवेदनों को मानकों के आधार पर विचार करने के लिए चयनित किया गया है।
कुछ अन्य जातियों का अभी सर्वे कराया जाना बाकी है। सर्वे पूरा होने के बाद इन जातियों को भी ओबीसी में शामिल करने पर निर्णय लिया जाएगा। आयोग सुनवाई के बाद ओबीसी में नई जातियों को शामिल करने की संस्तुति कर प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास भेजेगा।