Datia news : दतिया। अस्पताल में बच्चा बदलने के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया। यह वाक्या इस बार भांडेर अस्पताल में हुआ। जहां स्टाफ की गलती के चलते भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। जिसके बाद प्रसूता के स्वजन ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। जब दोनों पक्षों को सुना गया तो पूरी सच्चाई सामने आई।
जिसके बाद गलतफहमी दूर हो सकी। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने नर्स स्टाफ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं।
इस मामले में बीएमओ डॉ इंद्रेश ने बताया कि दरअसल यह एक भ्रम था और जिसके चलते यह अप्रिय एवं विवादित स्थिति निर्मित हुई। लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं था और संबंधित को इस मामले में उसीके अटेंडर के माध्यम से संतुष्ट कर विवाद का समाधान कर दिया गया। अब इस मामले में डिलीवरी कराने वाले नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
लगातार हुई डिलीवरी केसों से बनी भ्रम की स्थिति : मामले के अनुसार बुधवार को दोपहर दो बजे तक तीन डिलीवरी हुईं। जिनमें दो फीमेल बेबी तथा एक मेल बेबी का जन्म हुआ। विवाद दोपहर दो बजे बाद शुरू हुआ। विवाद का कारण नादिया गांव की महिला (जिसकी डिलीवरी सुबह हुई थी) को डिलीवरी कराने वाले स्टाफ द्वारा यह कहना कि लड़का हुआ है और फिर लड़की थमा देने से शक हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।
उसने जब यह बात अपने स्वजन को बताई तो वे आक्रोशित होकर अस्पताल पहुंचे। उस वक्त अस्पताल में बीएमओ डा.इंद्रेश कुमार दोहरे, डा.आरएस परिहार भी मौजूद थे। इनके द्वारा पूरे मामले को समझा गया और फिर प्रसव कराने वाले स्टाफ से चर्चा के अलावा प्रसव के दौरान प्रसव कक्ष में मौजूद संबंधित महिला की अटेंडर से पूछतांछ की।
खबर के बाद स्टाफ ने नेग के रुपये भी लिए : जिसमें स्थिति स्पष्ट हुई कि उस वक्त दो प्रसव हुए थे। जिसमें एक लड़का और एक लड़की का जन्म हुआ था। लड़के के जन्म की सूचना पर दी गई सूचना पर यह भ्रम बना।
सबसे रोचक बात यह है कि जिसके लड़की हुई उसे लड़का पैदा होने की न केवल सूचना दी गई। साथ ही नेग के रूप में उनसे 15 सौ रुपये भी स्टाफ ने वसूल कर लिए। हालांकि बाद में ये रुपये भी वापिस करवा दिए गए।
इसके बाद संबंधित महिला के संतुष्ट होने पर इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया गया। इस मामले में बीएमओ का कहना था कि जन्म पर नर्सिंग स्टाफ द्वारा नेग वसूले जाने की परंपरा उन्होंने नाराजगी जताई है।