लखनऊ : निर्वाचन आयोग ने पंजाब के 1 (एक) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और ओडिशा, उत्तर प्रदेश और मेघालय के निम्नलिखित विधानसभा क्षेत्रों में 4 (चार) रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है
1.मतदाता सूची
उपरोक्त विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची पात्रता तिथि 01.01.2023 को निर्धारित करते हुये 05 जनवरी, 2023 को प्रकाशित कर दी गई थी। इन चुनावों के लिये नामांकन करने की अंतिम तिथि के मद्देनजर अद्यतन की गई।
2.इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट
आयोग ने निर्णय किया है कि इन उपचुनावों के सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जायेगा। ईवीएम और वीवीपैट की समुचित संख्या उपलब्ध कराई गई है तथा इन मशीनों की सहायता से निर्बाध मतदान सुनिश्चित करने के सभी कदम उठाये गये हैं।
3.मतदाताओं की पहचान
चुनाव फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्य दस्तावेज होगा। बहरहाल, नीचे दिये गये किसी भी पहचान दस्तावेज को मतदान केंद्र पर दिखाया जा सकता हैः
- आधार कार्ड,
- मनरेगा जॉब कार्ड,
- बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो वाली पासबुक,
- श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटो लगा पेंशन दस्तावेज
- केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटो लगा सेवा पहचान-पत्र, तथा
- सांसदों/विधानसभाओं/विधान परिषदों के सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान-पत्र
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी विशिष्ट दिव्यांगता पहचान-पत्र।
4. आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता तुरंत प्रभाव से उस जिले (जिलों) में लागू हो जायेगी, जहां पूरे जिले में या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के किसी भाग में चुनाव होने जा रहा है। यह उस आंशिक संशोधन के अधीन है, जिसे आयोग ने अपने निर्देश सं. 437/6/1एनएसटी/2016-सीसीएस, तिथि 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत जारी किया है।
5. आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अभियान अवधि के दौरान तीन अवसरों पर समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में जानकारी प्रसारित करनी होगी। एक राजनीतिक दल, जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को खड़ा करता है, उसे अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी अपनी वेबसाइट और अखबारों और टेलीविजन चैनलों पर भी तीन अवसरों पर प्रसारित करनी होगी।
आयोग ने अपने पत्र संख्या 3/4/2019/एसडीआर/वॉल्यूम. IV दिनांक 16 सितंबर, 2020 ने निर्देश दिया है कि निर्दिष्ट अवधि का निर्धारण निम्नलिखित तरीके से तीन ब्लॉकों के साथ किया जाएगा, ताकि मतदाताओं को ऐसे उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के बारे में जानने के लिए पर्याप्त समय मिले:
क) उम्मीदवारी वापस लेने के पहले 4 दिनों के भीतर।
ख) अगले 5वें – 8वें दिनों के बीच।
ग) 9वें दिन से प्रचार के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से दो दिन पहले)
(उदाहरण: यदि वापसी की अंतिम तिथि महीने की 10 तारीख है और मतदान महीने की 24 तारीख को है, तो घोषणा के प्रकाशन के लिए पहला ब्लॉक महीने की 11 और 14 तारीख के बीच किया जाएगा, दूसरा और तीसरा ब्लॉक उस महीने की क्रमशः 15 और 18 तथा 19 और 22 तारीख के बीच होगा।)
क्र.सं. | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का नाम | संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या और नाम | रिक्ति का कारण |
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पंजाब | 04-जालंधर (एससी) पी.सी. | संतोख सिंह चौधरी की मृत्यु |
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ओडिशा | 07-झारसुगुड़ा ए. सी. | नब किशोर दास की मृत्यु |
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उत्तर प्रदेश | 395- छानबे (एससी) ए.सी | राहुल प्रकाश कोल की मृत्यु |
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उत्तर प्रदेश | 34-स्वार ए.सी. | मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की अयोग्यता |
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मेघालय | 23-सोहियोंग(एस.टी.) ए.सी | युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के प्रत्याशी के निधन के कारण मतदान स्थगित |
यह आवश्यकता 2015 की रिट याचिका (सी) संख्या 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) और 2011 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य) में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में है।
यह जानकारी ‘अपने उम्मीदवारों को जानें‘ शीर्षक वाले ऐप पर भी उपलब्ध होगी।
6.उपचुनाव के दौरान कोविड संबंधी व्यवस्था
देश भर में कोविड की स्थिति में समग्र सुधार को देखते हुए और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक उपाय को वापस लेने के मद्देनजर, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी की गई सलाह का पालन करने का निर्णय लिया गया है। उपचुनाव की प्रक्रिया के दौरान, पांच बिन्दुओं वाली रणनीति यानी जांच-पता लगाना-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर निरंतर ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला प्रशासन को प्रभावी ढंग से कोविड स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और आवश्यक कानूनी/प्रशासनिक नियम निर्धारित करके कोविड उपयुक्त व्यवहार के मानदंडों को लागू करना चाहिए।