देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां वह आदि गुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे। इससे पहले, वह देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया। वहां से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हुए।
केदारनाथ में शंकराचार्य की 12 फुट लंबी और 35 टन वजन वाली प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी करेंगे जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के साथ ही मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री के आगमन से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री ने केदारनाथ का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। धामी ने कहा कि सभी प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
There was a time when spirituality and religion were believed to be associated only with stereotypes. But, Indian philosophy talks about human welfare, sees life in a holistic manner. Adi Shankaracharya worked to make the society aware about this truth: PM Modi at Kedarnath pic.twitter.com/qhozsmNnn9
— ANI (@ANI) November 5, 2021
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले तैयारियां देखने आए थे और सभी तैयारियां ठीक से हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बाबा केदारनाथ के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है और उनका उत्तराखंड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने की ‘दूरदृष्टि’ है, जहां पूरी दुनिया के लोग आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सरस्वती घाट और आस्था पथ के निर्माण जैसे पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं।’’ धामी ने कहा कि मोदी के इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाएगा और देशभर के शिवालय, ज्योर्तिलिंग, शंकराचार्य के मठों और उनकी जन्मस्थली इस दौरान केदारनाथ से सीधे जुड़े रहेंगे।