Datia news : दतिया। सब्जी मंडी हटाए जाने को लेकर सोमवार को भांडेर के थोक विक्रेताओं ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। इस दौरान उनकी भांडेर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि से नोंकझोंक भी हो गई।
विक्रेताओं का आरोप था कि उन्हें बिना सूचना दिए दुकानों के पार्क बनाने के लिए जेसीबी भेजकर गड्ढे खुदवा दिए गए। जिससे अब उन्हें कारोबार करने में दिक्कत खड़ी होगी। नाराज थोक विक्रेताओं ने मंगलवार सात जनवरी से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
इस मामले में मौके पर नप अध्यक्ष पति रामजीवन ने बताया कि इन्हें पार्क निर्माण की जानकारी देते हुए समय अंतराल से तीन नोटिस देकर जगह खाली करने को कहा गया था। लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया।
चूंकि पार्क का निर्माण कार्य आरंभ किया जा चुका है। वैसे यहां और पर्याप्त जगह भी खाली पड़ी है। कुछ दुकानें वहां शिफ्ट कर लें। बाकी जिन दुकानों के सामने गड्ढे हुए हैं वे दुकान का मुंह दूसरी तरफ कर लें। लेकिन सब्जीविक्रेता इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसकी भी वजह बताई जाती हैं।
वजह यह कि जिस जगह दुकानें शिफ्ट की जाने की बात कही जा रही है। वह मेला और संस्कृत पाठशाला की है। मेला (बसंत पंचमी से होता है शुरू और होली तक चलता है) के चलते फिर इन्हें हटाना पड़ेगा।
वहीं, संस्कृत पाठशाला की स्वामित्व भूमि पर बाउंड्रीवाल प्रस्तावित है और प्रभारी प्राचार्य सिद्धार्थ कौरव के अनुसार, इसके लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है और जल्दी ही उसकी स्वीकृति आने की उम्मीद है। ऐसे में हमने सब्जी विक्रेताओं को यहां दुकानें लगाने से मना किया हुआ है।
अचानक कार्रवाई से भड़के सब्जी विक्रेता : सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि उन्हें अतिक्रमणकारी बताते हुए उन्हें नगरपालिका ने तीन नोटिस दिए थे। जबकि हम इस जगह का किराया नगरपालिका को देते हैं।
इस बावत हमने एसडीएम को भी लिखित में अवगत कराया था और तब उन्होंने इसका उचित समाधान कराए जाने का आश्वासन दिया था। तीसरे नोटिस के बाद नप अध्यक्ष पति रामजीवन राय और पूर्व पार्षद वार्ड 12 हीरु सिद्दीकी से आश्वासन मिला था कि आप लोगों की दुकानें एकदम से नहीं हटाई जाएंगी।
इससे पहले यहीं जहां आपको शिफ्ट किया जाएगा। वहां की साफ-सफाई कराकर आपको जगह दी जाएगी। लेकिन सोमवार को अचानक उस वादे के विपरीत कार्य किया गया।
बता दें कि पूर्व में भी सब्जीमंडी में थोक सब्जीविक्रेताओं का विवाद प्रशासन से हुआ था और उस समय चार लोग प्रशासनिक कार्रवाई का शिकार हुए थे। हालांकि तब उन्हें वर्तमान जगह यह कहते हुए दी गई थी कि स्थाई मंडी निर्माण तक वे यहां कारोबार कर सकते हैं। लेकिन अब फिर नया विवाद खड़ा हो गया।