Datia news : दतिया। बेटे की मौत पर दुखी परिवार के लोगों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर बुधवार को नेशनल हाइवे जाम कर दिया। इस दौरान नाराज दो सैकड़ा से अधिक ग्रामीण पुलिस के विरोध में जमकर नारेबाजी करते रहे। करीब तीन घंटे के जाम में दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई।
नाराज स्वजन का आरोप था कि मृत दोनों युवक जिस बाइक से आ रहे थे, उसके सड़क पर खड़े व्यक्ति से टकरा जाने के कारण वहां मौजूद लोगों द्वारा उनकी बेरहमी से मारपीट की गई थी। जिसके कारण आई गंभीर चोटों से उनकी जान गई है। स्वजन के मुताबिक पुलिस इस घटना को हादसे का रुप दे रही है जबकि वास्तव में मामला हत्या का है। ऐसे में पुलिस को मामले की जांच कर हत्या का प्रकरण दर्ज करना चाहिए।

इसी बीच कलेक्टर संदीप माकिन बड़ौनी में आयोजित किसान सम्मेलन से लौट रहे थे। उनका काफिला आता देख जाम लगाए बैठे ग्रामीणों ने कलेक्टर का वाहन घेर लिया।

कलेक्टर ने उक्त स्थिति पर पुलिस को फटकार लगाते हुए ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि जल्दी ही मामले की जांच होगी। साथ ही आवश्यक हुआ तो पुलिस के साथ प्रशासन की ओर से तहसीलदार भी जांच में शामिल होंगे। कलेक्टर के आश्वासन के बाद नाराज ग्रामीण मानें और जाम खोलने को तैयार हुए।
बड़ौनी में हुए हादसे में गई थी दोनों युवकों की जान : गत रविवार को ग्राम रावकलां निवासी रमाकांत सेन अपने दोस्त मौसम रावत और सौरभ रजक के साथ बड़ौनी मोबाइल खरीदने बाइक पर सवार होकर आए थे।
इस बीच बड़ौनी से वापिस लौटते समय शाम को सड़क किनारे खड़े कमथरा निवासी वृंदावन से उनकी बाइक टकरा गई। इस घटना में बाइक सवार तीनों युवक भी गिर पड़े। हादसे में रमाकांत, मौसम रावत, सौरभ सहित वृंदावन को चोटें आई। जिन्हें घायल अवस्था में जिला अस्पताल भेजा गया।
जहां रमाकांत और मौसम की उपचार के दौरान जान चली गई। वहीं इस मामले में मृतकों स्वजन का आरोप है कि वृंदावन को टक्कर लगने के बाद वहां कुछ अन्य लोग आ गए। जिन्होंने तीनों युवकों की जमकर मारपीट की और घायल अवस्था में छोड़कर भाग निकले। इस मारपीट में लगी चोटों से दोनों युवकों की जान गई है।
ऐसे में मामला सड़क दुर्घटना का नहीं, हत्या का पुलिस दर्ज करे। जबकि पुलिस ने घायल वृंदावन के भतीजे नरेंद्र अहिरवार की शिकायत पर बाइक चालक पर प्रकरण दर्ज किया है।
जिस पूरे घटनाक्रम से बुधवार को तीन घंटे हाइवे जाम रहा, उस मामले में मृत युवकों के घायल साथी सौरभ का पुलिस की ओर शाम को बयान जारी किया गया। जिसमें सौरभ का कहना था कि रमाकांत और मौसम रावत की मौत सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने के कारण ही हुई है। किसी तरह की उनके साथ किसी ने मारपीट नहीं की हुई थी।