बच्चों को किडनैपर्स से बचाते हुए थप्पड़ खाएगी साई, रावण की जलती हुई मूर्ति के पास फंसेंगे विनायक और सावी

टीवी सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ में विनायक को उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सच पता चल गया है। जिसके बाद वह सावी के साथ अपने असली पैरेंट्स को ढूंढ़ने निकला है। शो के लेटेस्ट ट्रैक में पाखी विराट और साई विनायक और सावी को ढूंढ़ रहे है। जिसके बाद शो में बेहद दिलचस्प ड्रामा देखने को मिल रहा है।

एपिसोड की शुरुआत में सावी और विनायक मेले में पहुंचने पर खुश हो जाते हैं और अपने लापता पैरेंट्स को ढूंढ़ने का फैसला करते हैं। विनायक सावी के प्रति अपनी फिक्र दिखाता है और उसे भूख लगने पर कुछ खाने के लिए कहता है।

दोनों को जब समझ नहीं आता कि कहां से तलाश शुरू करें, तभी एक कपल वहां आ जाता है और किसी को खोजने के लिए अनाउंसमेंट वाली जगह की ओर जाने को कहता है। विनायक और सावी वहां एक साथ एन्जॉय करते हैं और सभी को अपना बोर्ड दिखाते हैं। वे अपने पैरेंट्स के वहां आने के लिए चिल्लाते रहते हैं। इसी बीच विराट भी साईं और पाखी के साथ मेले में पहुंच जाते हैं।

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साई-विराट ने शुरू की खोज
पाखी विराट को पकड़ती है और अपने बेटे के प्रति अपनी चिंता दिखाती है, जबकि उस समय साईं भी उसे पकड़ लेती है और सावी के बारे में फिक्र करती है। वह उन दोनों को देखता है और आश्वासन देता है कि वह जल्द ही दोनों बच्चों को ढूंढ लेगा।

वह साईं और पाखी को अपना आश्वासन देता है और फिर मेले में उनकी तलाश शुरू करता है। वो अपनी तस्वीरें दिखाकर लोगों से बच्चों के बारे में पूछते रहते हैं। सावी को ढूंढ़ते हुए साई रोती है लेकिन अपनी बेटी को खोजने के लिए खुद को प्रेरित करती रहती है।

 

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बच्चों ने किया ये फैसला
इधर सावी और विनायक एक महिला को दो बच्चों से बात करते हुए देखते हैं। वह उनसे कहती है कि वह उनके पैरेंट्स को खोजने में उनकी मदद करेगी और उन्हें अपने साथ ले जाएगी। सावी विनायक से कहती है कि वह उनके माता-पिता के बारे में जानने में उनकी मदद कर सकती है।

लेकिन जब दोनों देखते है कि महिला दोनों लड़कों को नशीला जूस पिलाकर बेहोश करके ले जा रही है तब दोनों उसकी असलियत समझ जाते हैं और फिर अपने घर वापस जाने के लिए मदद मांगने का फैसला करते हैं। सावी विनायक के पैरों में दर्द देखकर उसे रुकने के लिए कहती है।

पाखी ने की किडनैपर्स को रोकने की कोशिश
वह खुद मदद के लिए जाती है लेकिन सड़क पर गिर जाती है। बाल तस्करी करने वाला गिरोह उसे देखता है और उसका अपहरण कर लेता है जबकि विनायक शॉक रह जाता है। विनायक उसे और बच्चों को बचाने का फैसला करता है। इसके बाद गुंडों की कार पंचर हो जाती है और विनायक कार के अंदर जाता है और सावी को आश्वस्त करता है।

इधर विराट को बाल तस्करों के मेले में होने का पता चलता है। तभी पाखी को विनायक का फोन आता है और वह उसे ढूंढ़ने के लिए मेले से बाहर जाती है। साई भी उसके पीछे जाती है। पाखी बाल तस्करों की कार के सामने खड़ा हो जाती है और उसका एक्सीडेंट हो जाता है। साईं वहां आती है और यह देखकर चौंक जाती है।

प्रीकैप : महिला साईं को थप्पड़ मारती है जबकि वह उसे पीठ पर थप्पड़ मारती है। विराट गुंडों से लड़ता रहता है। जबकि, पाखी कार खोलती है लेकिन सावी और विनायक को न पाकर चौंक जाती है। इधर चव्हाण परिवार बच्चों को रावण की जलती हुई मूर्ति के पास खड़ा देखकर चव्हाण दंग रह जाते हैं।

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