शिव के दरबार में शैव मठाधीशों ने लगायी अपनी हाजिरी : धर्मेन्द्र प्रधान ने काशी विश्वनाथ मंदिर में नौ आधीनम का किया भव्य स्वागत !

वाराणसी। काशी तमिल संगमम की पूर्व संध्या पर महादेव की नगरी दो संस्कृतियों के महामिलन से बम-बम हो गयी। यह तमिलनाडु के शैव मठाधीशों (आधीनम) के आगमन का अवसर बना। नौ रत्नों की भांति नौ शैव मठाधीशों का काशी नगरी ने अपनी परम्पराओं के अनुरूप दिव्य-भव्य स्वागत किया। काशी आने के उपरांत सभी शैव मठाधीश सबसे पहले काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सायंकाल मंदिर पहुंचने वालों धर्मपुरम शैव मठाधीश, सुरियानार शैव मठाधीश, वेलंकुरिची शैव मठाधीश, सेनकोल शैव मठाधीश, बोम्मापुरम शैव मठाधीश, थुलावुर शैव मठाधीश, कामाक्षीपुरी शैव मठाधीश, डिंडीगुल शिवापुरम शैव मठाधीश एवं पल्लादम सेनजेरी शैव मठाधीश का स्वागत किया। शैव मठाधीशों के आगमन पर नव्य-भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर डमरुओं की डिम-डिम संग ‘हर-हर महादेव” के उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नव्य-भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में आप सबका स्वागत है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निजी तौर पर यह इच्छा थी कि काशी-तमिल के बीच जो ज्ञान और संस्कृति का संबंध रहा है उसे आज जन-जन के बीच पहुंचाने की जरूरत है। इसलिए काशी तमिल संगमम का यह आयोजन ऐतिहासिक होने जा रहा है। काशी और तमिल के बीच सदियों पुराने रिश्ते को नए सिरे से पुनर्जीवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से कवि सुब्रमण्यम भारती जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी।

Banner Ad

वहीं, स्वागत से अभिभूत तमिलनाडु के धर्मगुरु गदगद हो उठे। सभी बाबा काशी विश्वनाथ के दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर अघा उठे। विधिवत दर्शन-पूजन के साथ ही सभी शैव मठाधीशों ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देखा और इसकी अद्भुत बनावट व सुंदरता पर मुग्ध हो गए। इस दौरान उन्होंने अतिसुंदर कॉरिडोर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

साथ ही कहा कि काशी तमिल संगमम के पुण्य योग के कारण ही काशी नगरी आने का अवसर प्राप्त हुआ। मां गंगा के तट पर बसी भगवान शंकर की यह नगरी अद्भुत है। इसे जितना समझिए, जितना जानिए, उतनी ही उत्सुकता बढ़ जाती है। धर्मपुरम शैव मठाधीश के गुरु जी ने कहा कि छठवीं शताब्दी में उनके मठ के प्रतिनिधि काशी आए थे। धर्मपुरम आधीनम मठ और काशी का गहरा संबंध रहा है।   

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter