Datia News : दतिया । जिले में रबी सीजन में फसलों की सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से 10 से 15 नवम्बर के दौरान पानी छोड़ा जाएगा। उक्त आशय की जानकारी कलेक्टर संजय कुमार ने बुधवार को जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में दी। न्यू कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक घनश्याम सिंह, भांडेर विधायक प्रतिनिधि संतराम सिरौनिया सहित समिति के सदस्यगण एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।
बैठक में बताया गया कि जिले में राजघाट परियोजना एवं 12 लघु सिंचाई योजनाओं के माध्यम से इस वर्ष खरीफ फसलों के लिए 1 लाख 47 हजार 363 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि इस वर्ष रामसागर, हथलई, जिगना, सोफ्ता एवं बड़ौनी का तालाब पूर्ण रूप से भरने के कारण इस क्षेत्र के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए एक पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
कम पानी की फसलें बोने का आग्रह : कलेक्टर ने क्षेत्र के किसानों से आग्रह किया कि वह ऐसी रबी फसलों की बोवनी करें जिसमें कम पानी का उपयोग हो। इसके लिए सरसों एवं चना फसलों को बोएं। बैठक में समिति के माध्यम से किसानों से आग्रह किया कि सिंचाई कर के रूप में विभाग को समय पर राशि जमा कर विभाग का सहयोग करें।
जिससे नहरों का संधारण एवं मरम्मत आदि कार्य समय पर किया जा सके। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कैनालों की दीवार, बम्बों एवं नहरों पर बने पुलों पर बाल पैटिंग कराकर बकायादार कृषकों से सिंचाई की राशि जमा कराने का आग्रह करें।
नहरों की सफाई और मरम्मत की उठी मांग : सेवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह ने बैठक में कहाकि आगामी वर्ष में नहरों की सफाई एवं मरम्मत का कार्य वर्षा ऋतु समाप्त होने के तत्काल बाद किया जाए। जिससे समय पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी पहुंच सके और पानी की बर्बादी रुके।
भांडेर विधायक प्रतिनिधि संतराम सिरौनिया ने कहाकि किसानेां को नहरों से सिंचाई सुविधा मिलने के साथ स्टाप डैम कम तालाब का निर्माण कर सिंचाई का रकबा बढ़ाया जा सकता है।
बैठक के शुरू में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अधिकारी चेतन चौहान ने बताया कि इस वर्ष रबी सीजन में राजघाट परियोजना सहित 12 लघु सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 1 लाख 47 हजार 363 हैक्टयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रस्तावित है। उन्होंने जिले में कार्यरत जल संसाधन विभाग की जल संरचनाओं में जल भराव की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी दी। उन्होंने नवीन निर्मित हिड़ोरा एवं रावरी स्टॉप डेमों के बारे में बताया।