अमित शाह ने मध्य प्रदेश को दी बड़ी सौगात : कहा – “संघर्ष नहीं विमर्श है समाधान का मार्ग”

भोपाल : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने  मध्य प्रदेश के अमरकंटक में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवनों का वीडियो कान्फ़्रेन्सिंग के ज़रिए लोकार्पण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि ये यूनिवर्सिटी एक ऐसे स्थान पर है जो करोड़ों लोगों की जीवनदायिनी मां नर्मदा का उदगमस्थल अमरकंटक है और यही स्थान ऋषि और कृषि, दोनों परंपराओं को हज़ारों सालों से  संजोकर बैठा है। इसी स्थान पर औषधीय गुणों से युक्त दुर्लभ वनस्पतियां पाई जाती हैं।

 अमित शाह ने कहा कि आज यहां एक शैक्षणिक आवासीय भवन और एक कृषि उपज भंडारण गृह का उद्घाटन हुआ है। करोड़ों रूपए की लागत से बने ये दोनों भवन विश्वविद्यालय को परिपूर्ण बनाने की दिशा में काम करेंगे।

कृषि उपज भंडारण की सुविधा जनजातीय किसानों को यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ने का काम करेगी। जनजातीय क्षेत्र में बनने वाले जनजातीय विश्वविद्यालयों का प्रमुख उद्देश्य होता है कि वो जनजातीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन और आम समाज के पास इसे पहुंचाने का ज़रिया बनें और जब जनजातीय समाज के भाई-बहन इस यून्वर्सिटी के साथ जुड़ेंगे तो इस उद्देश्य को हासिल करने में काफ़ी मदद मिलेगी।

संघर्ष नहीं विमर्श है समाधान का मार्ग – शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि जनताजीय वर्ग को भटकाने वाले लोगों से बचाने की आवश्यकता है। इस विश्वविद्यालय के स्तर पर जनजातीय वर्ग से जुड़े कानूनों पर शोध होना चाहिए। शाह ने कहा कि संघर्ष के स्थान पर विमर्श और संवाद प्रत्येक समस्या का समाधान है। इसलिए इस माध्यम से ही अलगाव को रोकने में भी सफलता मिल सकती है। गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी संवाद में विश्वास रखते हैं। चर्चा के लिए सरकार के द्वार सदैव खुले हुए हैं।

विश्वविद्यालय जनजातीय नायकों के योगदान को रेखांकित करें
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि स्थानीय विशिष्ट औषधियों के संबंध में जानकारियों का प्रसार होना चाहिए। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा जनजातीय नायकों के योगदान को सामने लाने का कार्य हो। यह योगदान प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया जाए। मध्यप्रदेश ऐसे नायकों की भूमि रही है। शंकर शाह और रघुनाथ शाह की शहादत और पराक्रम से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए।

चार सौ एकड़ भूमि पर चार हजार विद्यार्थियों वाले इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य तब सार्थक होगा जब जनजातीय गौरव और संस्कृति को बढ़ाने के साथ ही जनजातीय वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पण की भावना से कार्य हो। विश्वविद्यालय के मणिपुर स्थित क्षेत्रीय परिसर को भी यह भूमिका निभाना चाहिए। देश के विभिन्न अंचलों में जनजातीय वर्ग के नायकों ने जो संघर्ष किया था, उसकी जानकारी भी सामने आना चाहिए। ऐसे अंचलों में अंडमान निकोबार भी शामिल है।

जनजातीय वर्ग ने समाज को मजबूत किया है : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग का गौरवशाली इतिहास है। इनकी अनूठी संस्कृति है। जनजातीय वर्ग के लोग सीधे, सहज और सरल हैं, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन में इनका अदभुत योगदान रहा है। हमारा इतिहास अंग्रेजों की नजर से देखा गया।

आज जनजातीय नायकों के योगदान की जानकारी विद्यार्थियों को देना आवश्यक है। विश्वविद्यालय इस बात को आम जनता तक ले जाए। जनजातीय वर्ग को कौशल उन्नयन का लाभ देकर उन्हें वैश्विक पटल पर स्थापित करने का कार्य हो।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter