वारदाना न होने से केंद्राें पर ठप पड़ा गेंहूं खरीदी कार्य , तुलाई के इंतजार में सात दिन से डेरा डाले बैठे किसान

दतिया। समर्थन मूल्य पर गेंहूं खरीदी के लिए बनाए गए केंद्रों पर वारदाना न होने से खरीदी कार्य ठप पड़ गया है। कई खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां 7 दिन से किसान अपनी उपज को बेचने के लिए इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा खरीदी कार्य के प्रति गंभीरता न दिखाए जाने के कारण यह िस्थति बन रही है। इस मामले में खरीदी केंद्र प्रभारियों का कहना है कि उनका यहां पहले से ही हजारों क्विंटल गेंहूं खरीदा पड़ा है। जिसका उठाव न होने से वह परेशानी में है। इसके साथ ही अब केंद्र पर वारदाना भी खत्म हो जाने से वह किसान की उपज नहीं खरीद पा रहे हैं। ऐसे में कई बार विवाद की िस्थति केंद्रों पर देखने को मिल रही है।

कलेक्टर से लेकर हर अधिकारी कर्मचारी सिर्फ लाकडाउन का पालन कराने में लगे हैं। ऐसे में गेहूं खरीदी केंद्रों पर समुचित व्यवस्था की ओर प्रशासन का कतई ध्यान नहीं दिख रहा है। इसी कारण अधिकांश खरीदी केंद्रों पर 7 दिन से वारदाना नहीं है। जिसके कारण समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने आए किसान ट्रैक्टर ट्राली लिए कतारों में 7 दिनों से वहां खड़े हुए। भांडेर अनुभाग के इमलिया खरीदी केंद्र पर अभी तक 17 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की जा चुकी है, लेकिन ना तो वहां गेहूं का उठाव हो सका है और ना ही आगे की खरीदी के लिए वारदाने की व्यवस्था की गई है। जिसके चलते केंद्र प्रभारी ने वहां खरीदी का कार्य रोक दिया है। जिससे किसान परेशान हो रहे हैं। वहीं खुले आसमान के नीचे पड़े गेंहू पर मौसम की मार भी पड़ रही है। दो दिन हुई बारिश से इन केंद्रों पर रखा गेंहूं भीग गया था। इस सबके बाद भी उठाव करने में देरी की जा रही है।

विभाग के रवैए से किसान हो रहे है परेशान

किसान धवू धाकड़ ने बताया कि वह अपना गेंहूं तुलाई के लिए 600 रुपये के हिसाब से ट्रैक्टर ट्राली भाड़े से लेकर आया था। खरीदी केंद्र पर 7 दिन से ट्रैक्टर ट्राली खड़े हुए, जिससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा। खरीदी केंद्र पर अपनी उपज तुलाई के इंतजार में 7 दिन से डेरा डाले बैठे पंकज पचौरी बरका, महावीर धाकड़ हसनपुर, अशोक पचौरी बरका, जगदीश उपाध्याय भिटारी, मुलायम धाकड़ हसनपुर, हेल्पर धाकड़ हसनपुर आदि ने बताया कि अगर एक दो दिन में संबंधित विभाग ने इस समस्या का निराकरण नहीं किया तो वह खरीदी केंद्र पर ही आंदोलन करेंगे।

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इनका कहना है

वारदाना न होने से समस्या आ रही है, जैसे ही वारदान उपलब्ध होगा किसानों की उपज की तुलाई शुरू कर दी जाएगी। – नीरज यादव, खरीदी केंद्र प्रभारी सहकारी समिति केंद्र इमिलिया।

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