Datia news : दतिया। किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कुछ दिन पहले ही जल्दी वापिस लौटने का वादा करके गया गांव का सैनिक बेटा तिरंगा में लिपटा हुआ आएगा। जब यह नजारा गांव वालों ने देखा तो हर एक आंख छलक उठी। सैनिक परिवार के सदस्य तो बिलख पड़े। पूरे गांव में सिर्फ मातम था।
दतिया जिले के पड़ौसी ग्राम परासरी में एक सैनिक बेटे के ड्यूटी के दौरान बार्डर पर अचानक तबियत बिगड़ने पर दिवंगत होने पर उसका शव पूरे राजकीय सम्मान के साथ सेना के जवान तिरंगा लिपटे ताबूत में लेकर रविवार 28 जनवरी को गांव पहुंचे।
सशस्त्र सीमा बल में पदस्थ सैनिक दतिया के लाल रामनिवास यादव ड्यूटी के दौरान अचानक हृदयघात आने से बलिदान हो गए। दिवंगत सैनिक रामनिवास यादव दतिया जिले के ग्राम परासरी के निवासी थे। वह नेपाल बार्डर की फुलहर चौकी पर तैनात थे। जहां अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उपचार के दौरान उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। गांव से सेना में भर्ती हुए इस बहादुर जवान के दुनिया छोड़ देने से ग्रामीण भी दुखी नजर आए।
दिवंगत रामनिवास यादव का पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके गृह ग्राम परासरी में अंतिम संस्कार गार्ड आफ आनर के साथ किया गया। दिवंगत की चिता को मुखाग्नि उनके इकलौते पुत्र प्रिंस ठाकुर ने दी।
अंतिम संस्कार में तिरंगे में लिपटे शव को पूरे सम्मान के साथ लाया गया। जहां सैनिक साथियों की टुकड़ी ने अपने शस्त्र उलटकर शोक व्यक्त किया।
गांव लौटने का वादा करके गया था रामनिवास : ग्रामीणों के मुताबिक दिवंगत रामनिवास यादव हाल ही में एक माह पहले छुट्टी मनाने गांव आए थे। जहां ड्यूटी पर जाते समय उन्होंने जल्दी ही वापिस लौटकर आने की बात भी अपने स्वजन से कही थी। लेकिन किसी को यह नहीं मालूम था कि रामनिवास इस तरह वापिस लौटकर आएंगे।
गांव में छुट्टी के दौरान रामनिवास सभी के साथ खूब हिलमिलकर रहे। हर किसी से हंसकर मिलने की आदत के चलते रामनिवास गांव में सभी के चहेते थे। रामनिवास की व्यवहार कुशलता को ग्रामवासी आज भी याद करते हैं।
इसके चलते उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। मृतक जवान अपने पीछे पत्नी रानी, पुत्र प्रिंस व पुत्री स्वीटी ठाकुर को बिलखता छोड़ गए हैं।