नई दिल्ली : ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देहरादून जिले के पाववाला सौड़ा गांव में किसान चौपाल के माध्यम से किसानों से सीधा संवाद किया। खेतों के मध्य खाट पर बैठकर उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और यथासंभव समाधान सुझाए।
उन्होंने कहा, “मैं स्वयं किसान परिवार से हूं, किसान का दर्द जानता हूं। इसी कारण खेत में आकर उनसे सीधा संवाद कर रहा हूं, ताकि समझ सकूं कि योजनाओं का लाभ वास्तविक स्तर तक पहुंच रहा है या नहीं।”
बीज, सिंचाई, विपणन और बीमा योजनाओं पर चर्चा : चौपाल में बीज गुणवत्ता, सिंचाई सुविधाएं, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, फसल बीमा योजना, और उचित मूल्य निर्धारण जैसे मुद्दों पर किसानों ने खुलकर चर्चा की। लीची, बासमती चावल, कटहल और सब्जी उत्पादकों ने अपनी व्यावहारिक समस्याएं और सुझाव साझा किए।
उत्तराखंड सरकार के कृषि मंत्री गणेश जोशी और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी चौपाल में उपस्थित रहे।
उत्तराखंड को बागवानी का राष्ट्रीय हब बनाने की योजना : चौहान ने घोषणा की कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड को हार्टिकल्चर (बागवानी) का राष्ट्रीय केंद्र बनाएंगी। उन्होंने कहा कि “यहां के फल, अनाज और सब्जियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उतरने की पूरी क्षमता रखते हैं। भारत सरकार तकनीकी नवाचार, जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता देकर कृषि को अधिक लाभकारी बनाएगी।”

देवभूमि में नई ऊर्जा: मंत्री का संदेश : मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “देवभूमि में आकर मन, बुद्धि और आत्मा नई ऊर्जा से भर जाती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए और वैश्विक बाज़ार तक उनकी उपज की पहुंच सुनिश्चित की जाए।