मुंबई : ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ टीवी शो में आखिर वो लम्हा जल्दी नजर आने वाला है जिसमें अक्षरा और अभि शादी के बंधन में बंधेगा। लेकिन उससे पहले अक्षरा और अभि की जिंदगी में और तूफान आना बाकी हैं। अभि के बर्ताव से उसका पिता हर्ष पहले से ही नाराज है। वह अभि की शादी में जाने को तैयार नहीं है।
उसके न जाने से मंजरी भी अभि के साथ जाने से इंकार किए हुए बैठी है। जैसे तैसे बात बनेगी और अभि आखिरकार गोयनका हाउस अपने तिलक में पहुंच जाएगा। इससे पहले दिखाया जाएगा कि कैसे सभी गोयनका हाउस में अभि और उसके परिवार का इंतजार कर रहे हैं।
इधर अक्षरा भी सजी धजी अपने अभि से मिलने को बेसब्र दिखाई देगी। तिलक की रस्म में भी जो टि्वस्ट आएंगे वो शो को रोमांचक बनाने वाले है। जिसे देखकर दर्शकों को मजा आएगा। शो में हां और ना के बीच झूलती कहानी हर मोड़ पर कुछ न कुछ सवाल खड़े करती नजर आएगी।
सबसे आखिरी में पहुंचेगा अभि
अभि अपनी बात कहने के लिए अक्षु को फोन करता है और सब कुछ बताने वाला होता है। लेकिन खुशी से झूम रही अक्षु उसकी कोई बात सुने बिना ही अपनी बात कहने लगती है। वह अभि की बात को मजाक समझकर कहेगी कि क्या तुम मुझे अपना एटीट्यूट दिखा रहे हो। वह कहेगी कि मैं कल तुम्हें इसका उत्तर दूंगी। काफी जद्दोजहद के बाद अभि अपने तिलक की रस्म में सबसे आखिरी में पहुंच ही जाएगा और सबसे कहेगा कि क्या कोई उसका स्वागत नहीं करेगा।
आरोही करेगी अक्षु को तैयार
अक्षु फेस पैक लगाती है। आरोही कहती हैं कि वह पहले आइब्रो बनवाएं। अक्षु कहती हैं कि मैं कल नृत्य करना चाहती हूं। किसी अच्छे सांग पर नृत्य का अभ्यास करें। मुझे सब कुछ सही चाहिए। आरोही कहती है कि सब कुछ सही होगा।
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अक्षु कहती है कि तुम अभि के साली हो, तुम उसे और उसके दोस्तों को परेशान कर सकती हो। आरोही उसे खुद ऐसा करने के लिए ताना मारती है। अक्षु कहती है कि विचार बुरा नहीं है। मैं चाहती हूं कि यह शादी यादगार हो। आरोही कहती है कि तुम मुझे पागल बना दोगी। तुम्हारी शादी यादगार होगी।
हर्ष को मनाने की कोशिश करेगी मंजरी
इधर मंजरी, हर्ष से कहती है कि मुझे तुम्हारे सिरदर्द के लिए बाम मिल गया है। हर्ष कहता है कि कोई जरुरत नहीं है। वह कहती है कि कृपया मान लें, मैं तुम्हारे बिना कैसे जाऊंगी। यह हमारे बेटे का तिलक है। वह कहता है कि मैं नहीं जा रहा हूँ।
वह रोती है और कहती है कि मैं क्या करूँ। मैं तुम दोनों को ही चोट नहीं पहुँचा सकती। हर्ष कहता है कि अगर अक्षु ने उस पर जादू नहीं किया होता तो मैं तिलक में जाना चाहता था। अभि आता है और हर्ष का आशीर्वाद लेता है।