मुंबई : ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान की जमानत अर्जी काेर्ट ने फिर से खारिज कर दिया है। एनसीबी की ओर से दी गई दलीलों के बाद आर्यन की जमानत अर्जी खारिज की गई है। कोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल आर्यन को जेल में ही रहना होगा। स्टार पुत्र की इस हालत पर बालीवुड से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
क्रूज ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत अर्जी को एक बार फिर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बुधवार दोपहर लंच के बाद 2.45 बजे जैसे ही अदालत बैठी, जज वीवी पाटिल ने एनसीबी की दलीलों को सही मानते हुए आर्यन की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। हालांकि अदालत ने ऑर्डर का सिर्फ ऑपरेटिव हिस्सा ही सुनाया।
एनसीबी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह इस मामले को देख रहे हैं। माना जा रहा है कि 13 और 14 अक्टूबर को एनसीबी की मजबूत दलीलें आर्यन के वकीलों पर भारी पड़ीं। हालांकि डिटेल जजमेंट शाम तक आने की उम्मीद है। इसके बाद ही यह पूरी तरह साफ हो पाएगा कि आर्यन की जमानत रिजेक्ट करने के पीछे अदालत की क्या दलील थी।
एनसीबी ने दी यह दलीलें
एनसीबी की ओर से कहा गया कि आर्यन काफी प्रभावशाली हैं और जमानत पर रिहा होने पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने या उनके देश से भागने की आशंका है। वकील अद्वैत सेठना ने कहा कि इसी तरह का मामला अभिनेता अरमान कोहली का था और उसे भी जांच पूरी होने तक जमानत नहीं दी गई थी।
वहीं आर्यन के पास से भले ही ड्रग्स नहीं मिली है, लेकिन उनके साथ गिरफ्तार हुए अरबाज मर्चेंट के पास से ड्रग्स मिली है। अगर शिप वहां से निकल जाता तो पार्टी शुरू हो जाती और ये सभी आरोपी ड्रग्स लेते।
एनसीबी का कहना है कि आर्यन ने पहली बार नशीली दवाओं का सेवन नहीं किया, वो पहले भी ड्रग्स लेते रहे हैं। हमारे पास इनके पहले भी ड्रग्स लेने के पर्याप्त सबूत हैं।
अदालत में आर्यन के वॉट्सऐप चैट दिखाए गए। एनसीबी के वकील ने दावा किया कि रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि आर्यन कई ऐसे ड्रग पैडलर के संपर्क में थे, जिसके तार अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर से जुड़े हुए थे। आर्यन पर जो धाराएं (NDPS एक्ट की धारा 28 और 29) लगाई गई हैं, वो गैर जमानती हैं। ऐसे में आर्यन को जमानत देना सही निर्णय नहीं होगा।
आर्यन के मामले को रिया और शौविक के ड्रग्स केस जैसा बताया गया। एएसजी ने कहा था कि हमेशा ड्रग्स की मात्रा ही मायने नहीं रखती, क्योंकि रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती के पास से भी ड्रग्स नहीं मिला था।
शौविक को भी चार्जशीट दायर करने से पहले तक जमानत नहीं दी गई थी। विभिन्न हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के इन जजमेंट को भी आर्यन के केस जैसा बताया गया। इनमें से ज्यादातर में आरोपियों के पास से ड्रग्स की बरामदगी नहीं हुई थी।
एएसजी अनिल सिंह ने कहा था कि हम इस मामले में पूरे चेन और कनेक्शन पर नजर बनाए रखे हुए हैं। अब भी मामला शुरुआती जांच की स्टेज पर है और आगे जाकर और भी चीजें सामने आएगी। यह नहीं कहा जा सकता है कि आर्यन को केवल 1 साल की सजा हो सकती है। अगर दूसरे आरोपियों से उनके तार जुड़ते हैं, तो जो सजा दूसरों को होगी, वही सजा इन पर भी लागू की जा सकती है।
एएसजी ने कहाकि इस मामले में 15 से 20 लोग जुड़े हैं और इसमें कॉन्स्पिरेसी की बात सामने आ रही है, साथ ही कॉमर्शियल क्वांटिटी की बात भी सामने आई है। इसलिए सेक्शन 29 लगाया जाता है। जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ा और जानकारी मिली, उसके अनुसार हम चार्जेज और सेक्शन लगा सकते है।
वहीं आर्यन के वकील अमित देसाई के इस तर्क से सहमति नहीं बन सकीं ये छोटे बच्चे हैं और इसलिए जमानत पर विचार किया जाना चाहिए। यह हमारी भावी पीढ़ी है। पूरा देश उन पर निर्भर होगा। महात्मा गांधी की भूमि में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसकी कल्पना नहीं की थी।