फर्जी चैक भेजकर बैंक से निकाल ली डेढ़ लाख से अधिक की राशि : सिग्नेचर से पकड़ा गया आरोपित

Datia news : दतिया। बैंक में फर्जी चैक भेजकर डेढ़ लाख से अधिक की राशि हड़पने वाले आरोपित को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। आरोपित पर चार लाख का जुर्माना भी धोखाधड़ी करने पर लगाया गया है। मामले के पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक मुकेश गुप्ता ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश उत्सव चतुर्वेदी द्वारा आरोपित पप्पू कुमार कुर्मी पुत्र रामचंद्र प्रसाद निवासी नेताजी सुभाष मार्ग जयप्रकाश नगर जिला पटना को फर्जी चैक बनाकर धोखाधड़ी करने के मामले में सजा सुनाई गई है।

प्रकरण के मुताबिक एसबीआई शाखा दतिया के मुख्य प्रबंधक एसके दास ने कोतवाली में गत 21 नबंवर 2015 को एक आवेदन देकर कैनरा बैंक दतिया द्वारा 18 फरवरी 2015 को समाशोधन के माध्यम से चैक कमांक 596588 दिनांक 30 जनवरी 2015, एक लाख पैंसठ हजार की राशि के भुगतान के लिए एसबीआई शाखा में आया था।

उक्त चैक का भुगतान खाताधारक आरोपित पप्पू कुमार के पक्ष में होना था। जबकि उक्त चैक वास्तविकता में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मुबारकपुर के खाताधारक 300269632714 द किसान चीनी मिल लिमिटेड के पास मौजूद था। उसे जारी ही नहीं किया गया था।

Banner Ad

बैंक प्रबंधक ने कराई थी एफआईआर : इस संबंध में शाखा मुबारकपुर से ईमेल द्वारा एसबीआई मुख्य शाखा दतिया को सूचित किया गया। तब उक्त चैक के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई कि किसान सहकारी चीनी मिल द्वारा उपरोक्त चैक भुगतान के लिए किसी को जारी नहीं किया गया है।

ऐसे में संबंधित व्यक्ति से भुगतान की गई राशि वसूल करने की मांग की गई। लेकिन आरोपित ने राशि बैंक को वापस नहीं की गई। इस कारण एसबीआई शाखा प्रबंधक द्वारा कैनरा बैंक के खाताधारक पर मूल चैक की कूटरचना कर एक लाख पैंसठ हजार रुपये का भुगतान प्राप्त कर लेने के संबंध में कोतवाली में आरोपित पप्पू कुमार के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया।

पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपित पप्पू कुमार को गिरफतार कर लिया गया। एसबीआई से आरोपी द्वारा कूटरचित चैक जब्त किया गया। जिस पर आरोपित की राइटिंग में स्वाभाविक हस्ताक्षर के नमूने जांच करने को लिए गए। जिसकी हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई गई। जिसमें चैक कूटरचित करना पाया गया।

पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत मामले में विचारण के दौरान साक्षीगण का परीक्षण तथा महत्वपूर्ण दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही हैंडराइटिंग विशेषज्ञ को भोपाल से बुलाकर मामले में साक्ष्य कराई गई। आरोपित के विरूद्ध अपराध प्रमाणित होने पर न्यायालय द्वारा उसे तीन वर्ष का कारावास एवं चार लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter