गोद में मासूमों के शव और कंधों पर महिलाओं की अर्थी देख हर आंख हो गई नम, मौत के तांडव से पंडोखर में मातम, एक साथ जली 6 चिताएं

दतिया : पंडोखर में शनिवार का दिन काफी भारी गुजरा। सुबह जब 6 महिलाओं की अर्थी कंधों पर और 4 मासूम बच्चों के बेजान शरीर हाथों में लिए उनके स्वजन निकले तो पूरे गांव में जैसे आंसूओं का सैलाब सा आ गया। एक साथ जली आधा दर्जन चिताओं को देख हर अांख नम हो गई। मौत के इस तांडव को देखकर लोग स्तब्ध रह गए। घरों से बस विलाप करती महिलाओं की आवाजें आ रही थीं।

घटना के बाद से गम के माहौल में डूबे पंडोखर गांव के पहुंज नदी किनारे शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था प्रशासन की ओर से कराई गई थी। शुक्रवार रात को ही नदी किनारे की जमीन को जेसीबी से साफ करा दिया गया था। वहीं पास में मासूम बच्चों के शवों को दफनाने के लिए 4 गड्डे खोदे गए थे। शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 1.15 बजे सभी शव, वाहन से पंडोखर गांव पहुंच गए थे। 

शनिवार सुबह करीब 10.15 बजे पहुंज नदी के पास गांव की 6 महिलाओं के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार उनके स्वजनों ने किया। वहीं 4 मासूम बच्चों को वहां खोदे गए गड्डों में दफनाया दिया गया। जैसे ही पंडोखर गांव में 6 चिताएं जली वैसे ही सारा गांव गहरे शोक में समा गया। वहां मौजूद हर ग्रामीण की जुबान पर बस यही बात थी कि ऐसा दर्दनाक मंजर उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा। वह इस हादसे को कभी न भूल पाएंगे।

अंतिम संस्कार में भांडेर विधायक रक्षा, प्रतिनिधि संतराम सिरोनिया, जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव, जनपद सीईओ एसएस भटनागर, एसडीएम इकबाल मोहम्मद, तहसीलदार सूर्यकांत ित्रपाठी, नायब तहसीलदार शिवशंकर सिंह गुर्जर, भाजपा नेता हरिओम त्रिपाठी सहित सभी ग्रामवासी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

एसडीएम इकबाल मोहम्मद के मुताबिक सभी मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए तत्काल 5-5 हजार की राशि स्वजनों को उपलब्ध करा दी गई है। इसके बाद संबल योजना एवं मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के तहत मृतक महिलाओं के परिवारों को 4-4 लाख एवं मृत बच्चों के अभिभावकों को 2-2 लाख की सहायता राशि जल्दी ही मुहैया कराई जाएगी।

मृत महिला का शव उसके गांव पहुंचाया गया
पंडोखर में हुए हादसे में 7 महिलाएं और 4 बच्चों की मौत हुई थी। शुक्रवार देर रात पंडोखर सभी शव पहुंच गए थे। जिसके बाद एक मृतका कुसमा पत्नी मनीराम दोहरे निवासी देवरी भांडेर का शव उसके गांव स्वजन अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए। जबकि 6 महिलाओं का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह किया गया।

जिनकी लिए मन्नत मांगी वे ही दुनिया छोड़ गए

इस हादसे में सबसे दुखद यह रहा कि जिन बच्चों के लिए अनिल और पवन दोहरे ने ज्वारे चढ़ाने की मन्नत मांगी थी, उन दोनों की भी हादसे में मौत हो गई। अनिल की 9 माह की पुत्री कृष्या और गर्भवती पत्नी पूजा की इस दुर्घटना में जान चली गई वहीं अनिल के भाई पवन दोहरे का मन्नतों के बाद हुआ पुत्र अवी भी दुनिया छोड़ गया। बताया जाता है दोहरे परिवार ने अपने पांच सदस्यों को इस घटना में खो दिया है।

चार एंबुलेंस लेकर पहुंची शवों को

शुक्रवार देर रात जैसे ही सभी शव लेकर 4 एंबुलेंसों से गांव पहुंचे वैसे ही सारा गांव रुदन भरी आवाजों से गूंज उठा। हर पुरुष व महिला की आंखों में आंसू थे। वहीं शोकग्रस्त परिवार के लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी दिखी कि शवों के पहुंचने पर गांव में सिर्फ भांडेर थाने का एक आरक्षक रामहुजूर ही मौजूद था। कोई जिम्मेदार अधिकारी इस दौरान वहां नजर नहीं आया।

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